शिवपाल सिंह यादव की गाड़ी से उतरा, समाजवादी पार्टी का झंडा ….
December 30, 2017
इटावा , समाजवादी पार्टी में लाख विवाद होतें रहें हों लेकिन एेसा अब तक नही हुआ है कि सपा विधायक शिवपाल सिंह यादव के काफिले पर पार्टी का झण्डा ना लगा हो. शिवपाल सिंह यादव के काफिले पर पार्टी का झण्डा ना लगे होने से ये कयास तेज हो गए हैं कि शिवपाल यादव जल्द ही पार्टी छोड़ने की तैयारी कर ली है.
इटावा जिला सहकारी बैंक की 68वीं वार्षिक की सामान्य निकाय की बैठक में भाग लेने के लिए शिवपाल सिंह यादव और उनके समर्थक अपनी-अपनी गाड़ियों से समाजवादी पार्टी का झंडा उतारकर पहुंचे. लेकिन खास बात यह रही कि सभी की गाड़ी से समाजवादी पार्टी का झंडा गायब नजर आया.
शिवपाल सिंह यादव से पत्रकारों ने जब समाजवादी पार्टी का झंडा न लगा होने पर सवाल पूछा तो उन्होंने बताया कि उनकी गाड़ी दिल्ली में सर्विस के लिए गई हुई है, जिसमें पार्टी का झंडा लगा हुआ है लेकिन इस गाड़ी में झंडा लग नहीं सकता है इसलिए नहीं लगा है. उनके समर्थकों के गाड़ी से झंडे उतरे होने के मुद्दे पर कहा कि इस बात का जबाब तो कार्यकर्त्ता ही बेहतर दे सकते हैं.
सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने पार्टी में अपनी उपेक्षा पर दुख व रोष जताया. उन्होंने कहा कि अब वह ज्यादा दिनों तक चुप नहीं बैठेंगे. जल्द ही राजनीतिक विकल्प पर निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अब उनको सपा के किसी कार्यक्रम में नहीं बुलाया जाता है, जबकि वह अब भी सपा से ही जसवंतनगर के विधायक हैं। पार्टी उन्हें अब अपना नेता नहीं मानती, लेकिन यह बहुत दिन नहीं चलेगा.
समाजवादी पार्टी में चल रहे विवाद के दौरान शिवपाल यादव ने नई पार्टी बनाने का एलान किया था. उन्होंने कहा था कि वे समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के नाम से नई पार्टी बनाने जा रहे हैं. इस पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह होंगे. लेकिन बीच मे ही सपा संरक्षक मुलायम सिंह ने भी शिवपाल यादव को झटका दे दिया. उन्होने भाई और बेटे मे से बेटे को चुना. इसके बाद, शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी में अकेले पड़ गये. उनका अलग पार्टी बनाने का इरादा लोगों को लगा ठंडा पड़ गया.
समाजवादी पार्टी की मुख्यधारा से लंबे वक्त से अलग चल रहे शिवपाल यादव पार्टी मे अपनी उपेक्षा से काफी आहत हैं। वे चुपचाप अपनी उपेक्षा से त्रस्त होकर नई राजनैतिक बिसात बिछाने में जुट गए हैं। इसीलिये इधर पंद्रह दिन से शिवपाल यादव के पार्टी से बागवत करने के बयान फिर आने लगे.
फिलहाल वे कुछ भी खुलकर नहीं बोल रहे हैं. जिससे स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि शिवपाल सिंह यादव का इरादा क्या है, लेकिन जिस तरह से शिवपाल सिंह और उनके समर्थकों ने अपनी अपनी गाड़ियों से पार्टी का झंडा उतारा हुआ है, उससे राजनीतिक गलियारों में जरूर नये-नये कयास लगाए जा रहे हैं.