लखनऊ, समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने अपनी सरकार होने के बावजूद राजनीति में एक मिसाल पेश की है। समाजवादी पार्टी की प्रदेश मे सरकार होने के बावजूद उन्होने अपने लिए आवंटित सरकारी बंगला खाली कर राजनीति में एक मिसाल पेश की है। ऐसा करके शिवपाल ने उन मंत्री और विधायक पद के लिए एक मिशाल पेश की है जो पद से हट जाने के बावजूद सरकारी मकानों पर वर्षों कब्जा किए रहते हैं।
शिवपाल यादव ने प्रदेश सरकार में मंत्री नहीं रहने के तुरंत बाद मंत्री के रूप में उनको आवंटित कालिदास मार्ग का बंगला नंबर सात खाली कर दिया है। इसके लिए उन्होंने बाकायदा राज्य संपत्ति विभाग को पत्र लिखकर बंगला खाली करने की जानकारी भी दी है। अब वे अपने विक्रमादित्य मार्ग स्थित अपने निजी बंगले में शिफ्ट हो गये हैं।
हालांकि चाहते तो शिवपाल नियमानुसार अपने 7 कालीदास मार्ग स्थित आवास में रह सकते थे। क्योंकि वो भूमि विकास बैंक के सभापति हैं। यह एक निर्वाचित पद है। इस पद से सीएम अखिलेश यादव उन्हें नहीं हटा सकते हैं। खास बात यह है कि जब वे मंत्री पद से हटाए गए उसके कुछ समय बाद ही उन्होंने अपने बंगले से मंत्री पद की नाम पट्टिका हटवा दी। केवल शिवपाल सिंह यादव की पट्टिका लगवाई। लेकिन बाद में उसे भी हटवा दिया और बंगले से अपना सामान हटवाकर बंगला खाली कर दिया। ऐसा करके शिवपाल ने दूसरों के लिए एक मिशाल पेश की है जो मंत्री और विधायक पद से हट जाने के बावजूद सरकारी मकानों पर वर्षों कब्जा किए रहते हैं। सपा सरकार में दूसरे नम्बर के कद्दावर मंत्री शिवपाल यादव को पिछले एक महीने में दूसरी बार हटाया गया। उनके एक सहायक ने बताया कि उनकी गाड़ी से लालबत्ती हटा दी गई है और उन्होंने अपना आधिकारिक वाहन भी राज्य संपत्ति विभाग को सौंप दिया।