नयी दिल्ली, कांग्रेस के उदयपुर चिंतन शिविर में देशभर से 423 नेताओं को शामिल होने का निमंत्रण दिया गया था जिसके कारण कई प्रमुख नेता इसमें हिस्सा नहीं ले सके इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अन्य नेताओं के साथ उनसे मिलेंगी और पार्टी की मजबूती के बारे में विचार विमर्श करेंगी।
पार्टी अध्यक्ष ने उदयपुर में भी कहा था कि जगह की कमी के कारण सीमित संख्या में प्रतिनिधि बुलाए गये हैं। उनका कहना था कि कई महत्वपूर्ण लोगों को इसमें नहीं बुलाया जा सका है या जो कार्यकर्ता और नेता इसमें शामिल नहीं हो पाए हैं उनका भी पार्टी को मजबूत बनाने में अहम योगदान है और उसे कम करके नहीं आंका जा सकता है।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि चिंतन शिविर में बुलाए जाने वाले नेताओं का नाम तय करना एक लम्बी तथा कठिन प्रक्रिया थी और उसका कड़ाई से पालन करते हुए 423 प्रतिनिधियों को इसमें बुलाया गया। सौ से सवा सौ ऐसे प्रमुख नेता हैं जिनको शिविर में आमंत्रित किया जाना था लेकिन सीमित संख्या के कारण आमंत्रित नहीं किया जा सका। इन नेताओं में पार्टी के प्रवक्ता, कांग्रेस शासित राज्यों के कई मंत्री तथा अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं जिनकाे शिविर में शामिल होने का मौका नहीं दिया जा सका इसलिए श्रीमती गांधी उनको अब दिल्ली बुलाएंगी और एक पूरे दिन उनके साथ चिंतन मंथन करेंगी।
यह पूछने पर कि इन नेताओं को कब दिल्ली बुलाया जाएगा तो उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं की सूची बनाई जा रही है और श्रीमती गांधी चिंतन शिविर में लिए गये फैसलों के आलोक में पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए उनसे बात करेंगी।
कांग्रेस नेता ने कहा कि उदयपुर घोषणा पत्र के आलोक में 2024 के लिए एक टास्क फोर्स का भी गठन किया जाएगा। टास्क फोर्स आम चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति पर विचार करेगी और अपने सुझाव कांग्रेस अध्यक्ष को देगी। इसी तरह से शिविर में जिन छह विषयों पर मंथन हुआ उनकी सिफारिशों काे जमीन पर उतारने के लिए जो रणनीति बन रही है उसकी भी आम चुनाव के लिए अहम भूमिका होगी।
उनका कहना था कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए प्रशिक्षण देने का जो प्रस्ताव उदयपुर में आया है उसमें कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता भाग लेंगे। इसमें कार्यकर्ताओं को पार्टी के इतिहास, कांग्रेस की विचारधारा, परंपरा, राजनीतिक चिंतन, संवाद कला आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि इसके लिए केरल में प्रशिक्षण केंद्र शुरु करने की बात चल रही है और बाद में दूसरी जगहों पर भी ऐसे केंद्र खोले जाएंगे। प्रशिक्षण की जरूरत से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता को लोगों के हर सवाल का जवाब देने में पारंगत होना चाहिए। कांग्रेस की नीतियों को लेकर जो सवाल आते हैं उनका जवाब लोगों को मिलना चाहिए।