जौनपुर, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक ने कहा है कि अधिवक्ता वादकारी एवं न्यायाधीश के बीच सेतु का काम करता है और पीड़ित को न्याय दिलाने में सबसे अधिक अधिवक्ता का ही योगदान होता है।
नाइक ने दीवानी न्यायालय सभागार में त्वरित न्याय में कार्यपालिका, न्यायपालिका एवं विधायिका की भूमिका विषयक संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुये कहा कि आज भी न्यायपालिका के प्रति जो सम्मान आम आदमी में है उसे और बढ़ाने की आवश्यकता है। न्याय प्राप्त करने में कभी-कभी विलम्ब हो जाता है, इससे घबराना नहीं चाहिए। शीघ्रता से न्याय मिलना आज की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि वकालत पेशा सम्मान जनक होता है। देश की आजादी में वकीलों की भूमिका महत्वपूर्ण रही और आजादी के बाद संविधान निर्माण में डा0 राजेन्द्र प्रसादए पण्डित जवाहर लाल नेहरूए डा0 भीमराव अम्बेडकर का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। ये महान पुरूष भी अधिवक्ता थे।
इस अवसर पर उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता स्व0 सन्तोष कुमार श्रीवास्तव उर्फ सन्तोषी बाबू की 11वीं पुण्य तिथि पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। श्री नाईक ने कहा कि न्यायाधीशों की कमी उच्चतम न्यायालय से लेकर जिला न्यायालय तक है अौर इसे शीघ्र पूरा किये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दादागीरी से प्राप्त किया गया न्याय समाज के लिए खतरा होता है।
आगामी विधानसभा चुनाव में शत प्रतिशत मतदान का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक मतदान हो और योग्य उम्मीदवार चुना जाय ताकि प्रदेश में योग्य सरकार बने। प्रदेश में राजनीतिक उठापटक के बारे में उन्होंने कहा कि वह पार्टी का अन्दरूनी मामला है और प्रकरण चुनाव आयोग में है। प्रदेश में कोई संवैधानिक संकट नहीं है तथा प्रदेश सरकार की स्थिति पर उनकी पैनी नजर है।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश बार कौंसिल के अध्यक्ष अनिल प्रताप सिंहए जिला न्यायाधीश नन्द लालए दीवानी न्यायालय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष दिनेश प्रताप सिंहए मंत्री अलिन सिंह कप्तान आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम आयोजक राजेश श्रीवास्तव बच्चा भइया ने राज्यपाल को स्मृति चिन्ह प्रदान किया तथा वरिष्ठ अधिवक्ता तेज बहादुर सिंह ने उन्हें अधिवक्ताओं की मांगाें का एक ज्ञापन भी सौंपा।