मथुरा, राधारानी की नगरी बरसाना में सोमवार से परंपरागत होली एवं रंगोत्सव की धूम शुरू हो रही है। बरसाने की लठामार होली 28 फरवरी को खेली जाएगी।
परंपरागत होली में सोमवार को लड्डू होली तथा अगले दिन लठामार होली खेली जाएगी वहीं उ0प्र0 ब्रज तीर्थ विकास परिषद, उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग एवं जिला पशासन के सामूहिक सहयोग से रंगोत्सव का आयोजन होगा जिसमें ब्रज की विभिन्न प्रकार की होलियों एवं विभिन्न क्षेत्रों में होनेवाली होली का प्रस्तुतीकरण होगा।
जिलाधिकारी पुलकित खरे ने बताया कि रंगोत्सव का आयोजन 27 फरवरी से शुरू होकर 15 मार्च तक चलेगा। प्रयास यह किया जा रहा है कि यहां आनेवाले तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों के सामने ब्रज के विभिन्न क्षेत्र में होनेवाली होली का प्रस्तुतीकरण किया जाय। उन्होंने बताया कि जहां 27 फरवरी को नन्दगांव का पंडा फाग का निमंत्रण लेकर बरसाने आएगा तथा इसी दिन लाडली मन्दिर में लड्डू होली होगी, वहीं अगले दिन रंगोत्सव कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार की होली का प्रस्तुतीकरण होगा । इसी शाम बरसाने की रंगीली गली में लठामार होली का आयोजन होगा जिसमें नन्दगांव के हुरिहार बरसाने की गोपियों के साथ होली खेलेंगे तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि एक मार्च को नन्दगांव की लठामार होली होगी जिसमें बरसाने के हुरिहार नन्दगांव की हुरिहारिनों से होली खेलेंगे। इसी दिन राधारानी के ननिहाल रावल में भी लठामार होली खेली जाएगी। उन्होने बताया कि तीन मार्च को जहां श्रीकृष्ण जन्मस्थान की होली होगी जिसमें ब्रज की विभिन्न होली का प्रस्तुतीकरण होगा वहीं इसी दिन से वृन्दावन के मन्दिरों में होली तेज हो जाएगी और गुलाल के साथ ही रंग की होली शुरू हो जाएगी। इसी दिन प्राचीन केशवदेव मन्दिर की होली होगी जिसमें ब्रज की विभिन्न प्रकार की होली का प्रस्तुतीकरण होगा।इसी श्रंखला में 4 मार्च को गोकुल की छड़ीमार होली होगी तथा 7 मार्च को होलिका दहन एवं फालैन में होली होगी। इसी दिन द्वारकाधीश मन्दिर से चतुर्वेद समाज का डोला निकलेगा जो शहरी क्षेत्र के विभिन्न भागों से रंग की वर्षा करते हुए निकलेगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि 9 मार्च को होली से संबंधित तीन कार्यक्रम अलग अलग स्थानों में होंगे। जहां दोपहर में दाऊ जीे का हुरंगा होगा वहीं अपरान्ह जाव का हुरंगा एवं रात 7 बजे से विदेशों में धूम मचानेवाला चरकुला नृत्य मुखराई गांव में होगा। दस मार्च को बठैन गांव एवं गिडोह गांव का हुरंगा होगा। 13 मार्च को महाबन का छड़ीमार हुरंगा होगा। ब्रज की होली का समापन 15 मार्च को रंगजी मन्दिर वृन्दावन की होली से होगा।
बरसाने की परंपरागत होली वास्तव में श्यामसुन्दर एवं किशोरी जी की होली है।लाडली मन्दिर के पूर्व रिसीवर कृष्ण मुरारी गोस्वामी ने बताया कि इसमें नये लहंगा और फरिया पहने गोपियों पर श्यामसुन्दर के सखा रंग डालते हैं तो गोपियां उन्हें ऐसा करने से रोकती हैं और न मानने पर वे लाठियों से उन पर आक्रमण करती है तो ग्वालबाल चमड़े की बनी ढाल पर गोपियों के लाठी प्रहार को रोकते हैं। लगभग दो घंटे तक चलनेवाले इस कार्यक्रम का समापन नन्द के लाला की जय एवं वृषभानु दुलारी की जयकार से होता है।