नयी दिल्ली राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने आज मंत्रियों से कहा है कि वे शून्यकाल और विशेष उल्लेख के तहत सदन में उठाये जाने वाले मुद्दों पर सरकार की कार्यवाही से सदस्यों को एक महीने के भीतर अवगत करायें।
नायडू ने सोमवार को शून्यकाल की कार्यवाही समाप्त होने से पहले कहा कि यह देखने में आया है कि अक्सर मंत्री सदस्यों को उनके द्वारा उठाये गये मुद्दों पर जवाब नहीं देते हैं। उन्होंने कहा कि वह सदन के नेता और संसदीय मंत्री के माध्यम से मंत्रियों से कहना चाहते हैं कि वे इन मुद्दों पर सरकार द्वारा की गयी कार्यवाही से सदस्यों को 30 दिन के भीतर अवगत करायें। सदस्यों द्वारा इस पर मेजें थपथपाये जाने के बीच उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है तो इस मुद्दे पर चर्चा करनी होगी और किसी विकल्प के बारे में सोचना होगा।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि वह संसदीय कार्य मंत्री को इस विषय से अवगत करायेंगे और जरूरी कदम उठाया जायेगा। सभापति ने सदस्यों से भी कहा कि वे शून्यकाल और विशेष उल्लेख के दौरान अपनी बात को मुद्दे तक ही सीमित रखें । किसी पर बेवजह आरोप न लगायें क्योंकि इससे विषय उलझ जाता है और उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो पाती और वह मुद्दा ही गौण हो जाता है। एक नयी पहल करते हुए उन्होंने कहा कि आज प्रश्नकाल की कार्यवाही उप सभापति चलायेंगे।
उन्होंने कहा कि यह कदम सदन की सभी तरह की कार्यवाही के संचालन के अनुभव के लिए उठाया जा रहा है। अक्सर प्रश्नकाल की कार्यवाही के दौरान सभापति ही आसन पर रहते हैं। इसी दौरान मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के के के रागेश ने मुजफ्फरपुर में दिमागी बुखार के कहर के मुद्दे पर सदन में विशेष चर्चा कराने की मांग की। श्री नायडू ने सदस्य से इस बारे में नोटिस देने को कहा।