मुंबई, वैश्विक बाजार की गिरावट और स्थानीय स्तर पर भारी मुनाफावसूली के दबाव से बीते सप्ताह एक बड़े भूचाल का सामना कर चुके शेयर बाजार की चाल अगले सप्ताह कंपनियों के तिमाही परिणाम, कार बिक्री तथा सेवा एवं विनिर्माण क्षेत्र की पीएमआई के आंकड़ों से तय होगी।
समीक्षाधीन सप्ताह में मंगलवार को एक बार फिर 61 हजारी हुआ बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स मुनाफावसूली का शिकार होकर गुरुवार को 60 हजार अंक के नीचे उतर गया और सप्ताहांत पर 1514.69 की बड़ी गिरावट झेलकर 59306.93 अंक पर आ गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 430.2 अंक लुढ़ककर 18 हजार अंक के नीचे 17671.65 अंक पर रहा।
बीते सप्ताह दिग्गज कंपनियों के शेयर लगभग ढाई प्रतिशत तक टूट गया वहीं छोटी और मझौली कंपनियों में बिकवाली का कम दबाव देखा गया। सप्ताहांत पर बीएसई का मिडकैप 288.92 अंक गिरकर 25277.72 अंक और स्मॉलकैप 353.51 अंक लुढ़ककर 28 हजार अंक के नीचे 27982.80 अंक पर आ गया।
आलोच्य सप्ताह शेयर बाजार में ऊंचे भाव पर मुनाफावसली के अलावा विदेशी बाजार की गिरावट का भी असर रहा। ऑनलाइन मार्केटप्लेस अमेजन और मोबाइल फोन निर्माता कंपनी एप्पल के कमजोर तिमाही परिणाम से वैश्विक बाजार में लगभग एक प्रतिशत की गिरावट आई। इनके अलावा महीने के अंतिम गुरुवार को वायदा एवं विकल्प सौदे का निपटान होने का दबाव भी बाजार पर रहा।
विश्लेषकों का कहना है कि पिछले कई सप्ताह से शेयर बाजार में ऊंचे भाव पर पांच से सात फीसदी तक का करेक्शन होने की आशंका जताई जा रही थी। इसी कड़ी में बीते सप्ताह बाजार ढाई प्रतिशत तक लुढ़क गया। अगले सप्ताह देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई, यूनियन बैंक, एचडीएफसी, भारती एयरटेल, पीएनबी हाउसिंग, आईआरसीटीसी, टाटा मोटर्स, दवा कंपनी सन फार्मा एवं फाइजर और जिंदल स्टील की दूसरी तिमाही के परिणाम, अक्टूबर की कार बिक्री तथा सेवा एवं विनिर्माण क्षेत्र के आंकड़े जारी होने वाले हैं, जिससे बाजार की चाल तय होगी। साथ ही दिवाली त्योहार को लेकर निवेशकों की सुस्ती का दबाव भी बाजार पर दिखेगा।