मथुरा, श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद ईदगाह में एक नया मोड़ आ रहा है जिसके अनुसार इस मामले में समझौता करने वाले व्यक्तियों / संस्थाओं के खिलाफ पुलिस रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए सीजेएम मथुरा की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर अनुरोध किया गया है।
यह प्रार्थना पत्र योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट आगरा के अध्यक्ष अजय प्रताप द्वारा सीजेएम मथुरा की अदालत में 10 जून को दिया गया था, जिस पर आज बहस होने की उम्मीद थी। अजय प्रताप इस केस में अधिवक्ता भी हैं। अब इस मामले में अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी।
उन्होने बताया कि औरंगजेब ने ओरछा नरेश वीरसिंह बुंदेला द्वारा बनवाए गए केशवदेव मन्दिर डीग गेट को सत्रहवीं शताब्दी में क्षतिग्रस्त किया था। ब्रिटिश सरकार ने 1920 में ऐनसियन्ट माॅनूमेन्ट प्रेजरवेशन ऐक्ट ( 1904 के 7) के अनुसार इस सम्पत्ति को संरक्षित इमारत घोषित किया था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मन्दिर क्षेत्र में बने ईदगाह को भी संरक्षित माॅनूमेन्ट माना है अतः किसी सस्था /व्यक्ति को इस पर किसी प्रकार का समझौता करने का अधिकार नही है।
उन्होंने कहा कि कुछ अज्ञात संस्थाओं/व्यक्तियों ने संरक्षित इमारत से संबंधित उक्त तथ्य को छिपाकर 12 अक्टूबर 1968 को न केवल समझौता किया बल्कि अदालत के सामने भी कूटरचित दस्तावेज रखकर एक डिक्री पारित करवाई। उन्होंने बताया कि इन्ही सब तथ्यों को लेकर उन्होंने गोविन्दनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराने का प्रयास किया था किंतु पुलिस ने जब रिपोर्ट दर्ज नही की तो एसएसपी मथुरा को रजिस्ट्री 31 मई 2024 को भेजी । इतने प्रयास के बाद जब पुलिस रिपोर्ट नही लिखी गई तो 10 जून को उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया और 156 ( 3) सीआरपीसी के अन्तर्गत अदालत से एफआईआर दर्ज कराने का आदेश देने के लिए प्रार्थनापत्र दिया था। उनके प्रार्थनापत्र पर अगली सुनवाई में बहस के बाद ही आदेश पारित किया जाएगा।