श्री नारायण गुरु की महासमाधि के शताब्दी समारोह का उद्घाटन करने 23 अक्टूबर को शिवगिरी आएंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

तिरुवनंतपुरम, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 23 अक्टूबर को श्री नारायण गुरु की महासमाधि के शताब्दी समारोह का उद्घाटन करने के लिए केरल के वर्कला स्थित शिवगिरी मठ आएंगी।

राष्ट्रपति दोपहर लगभग 12:50 बजे शिवगिरी पहुँचेंगी। यह समारोह केरल के आध्यात्मिक और सामाजिक परिदृश्य को बदलने वाले महान दार्शनिक और समाज सुधारक के जीवन और शिक्षाओं का सम्मान करने वाले तथा दो साल तक चलने वाले वैश्विक अनुष्ठान की आधिकारिक शुरुआत का प्रतीक है। आधिकारिक यात्रा कार्यक्रम के अनुसार, राष्ट्रपति हेलीकॉप्टर से वर्कला जाएँगी। उनका हेलीकॉप्टर वर्कला बीच हेलीपैड या एसएन कॉलेज मैदान पर उतरेगा। इसके बाद वह सड़क मार्ग से शिवगिरी जाएँगी। केंद्रीय और राज्य सुरक्षा एजेंसियां श्रीमती मुर्मु के दौरे को लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम कर रही हैं। इस समारोह का मुख्य उदेश्य केंद्र और केरल सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित शताब्दी समारोह का उद्देश्य गुरु के सार्वभौमिक संदेश ‘मानवता के लिए एक जाति, एक धर्म, एक ईश्वर’ का प्रचार करना है। अगले दो वर्षों में सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और शैक्षिक कार्यक्रमों की एक विविध श्रृंखला समकालीन दुनिया में उनकी शिक्षाओं की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालेगी।

बीस अगस्त, 1856 को जन्मे श्री नारायण गुरु एक दूरदर्शी दार्शनिक, आध्यात्मिक नेता और समाज सुधारक थे, जिन्होंने केरल में जातिगत भेदभाव और सामाजिक असमानता के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया। उनकी शिक्षाओं ने ज्ञान, समानता और सर्वधर्म सद्भाव का समर्थन किया। उनके कार्य ( जिनमें व्यापक रूप से पूजनीय प्रार्थना दैव दशकम शामिल है) दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करते रहते हैं। श्री नारायण धर्म संघम ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी शारदानंद की देखरेख में शिवगिरि मठ में राष्ट्रपति के दौरे की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। शताब्दी समारोह एक सहयोगात्मक प्रयास है जिसमें श्री नारायण गुरुकुलम, एसएनडीपी योगम, गुरुधर्म प्रचार सभा, श्री नारायण सांस्कृतिक समिति जैसे प्रमुख संगठन और गुरु के आध्यात्मिक ध्वज के अंतर्गत आने वाले कई मंदिर और सांस्कृतिक संस्थाएँ शामिल हैं। मठ के अधिकारियों ने सभी संबद्ध संस्थाओं से उद्घाटन समारोह में सक्रिय रूप से भाग लेने का आह्वान किया है और इसे एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण अवसर बताया है।

कार्यक्रमों में सेमिनार, प्रदर्शनियां, सांस्कृतिक कार्यक्रम और वैश्विक आउटरीच पहल शामिल होंगे जो आज की दुनिया में श्री नारायण गुरु के संदेश की निरंतर प्रासंगिकता को उजागर करेंगे। श्रीमती मुर्मु की यात्रा शिवगिरी मठ के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है, जो श्री नारायण गुरु (1856-1928) के प्रत्यक्ष मार्गदर्शन में स्थापित आध्यात्मिक शिक्षा और सामाजिक सुधार का एक ऐतिहासिक केंद्र है।

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