संघर्ष की आंच में तपकर सासंद बने दुलालचंद गोस्वामी

कटिहार , मध्यमवर्गीय किसान परिवार में जन्में दुलालचंद गोस्वामी ने काफी संघर्ष के बाद पहले विधायक और उसके बाद पहली बार सासंद बनने में भी कामयाब रहे।  बिहार में कटिहार जिले के बारसोई थाना क्षेत्र के करीमगंज गांव में 08 अक्टूबर 1967 को जन्में दुलालचंद गोस्वामी के पिता हेमंत गोस्वामी किसान थे।

राजनीति के पुरोधा अटल बिहारी वाजपेयी को अपना आदर्श मानने वाले श्री गोस्वामी ने स्नातक की पढ़ाई आरडीएस कॉलेज, सालमारी से पूरी करने के बाद वर्ष 1989 में राजनीति में पदार्पण किया और भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये। इसके बाद श्री गोस्वामी बारसोई प्रखंड के अध्यक्ष बने। श्री गोस्वामी कटिहार के सांसद रहे निखिल कुमार चौधरी के करीबी थे। चुनाव के दौरान निखिल की कमान श्री गोस्वामी ही संभालते थे।

गोस्वामी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए राजधानी पटना आ गये। यहां आकर उन्होंने पार्ट टाइम ऑटोरिक्शा भी चलाया। कुछ समय के बाद वह वापस अपने गांव चले गये। वर्ष 1995 में श्री गोस्वामी ने बारसोई विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा और विधायक चुने गये। वर्ष 1998 में श्री गोस्वामी ने पूर्व विधायक नागेंद्र यादव की बेटी नूतन प्रिया से प्रेम विवाह कर लिया।

इसके बाद श्री गोस्वामी ने वर्ष 2000 और वर्ष 2005 में बारसोई विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2010 में भाजपा से टिकट नही मिलने पर श्री गोस्वामी ने बलरामपुर विधानसभा सीट से बतौर निर्दलीय किस्मत आजमायी। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी भाकपा माले के महबूब आलम को पराजित कर दिया और दूसरी बार विधायक बनने में सफल रहे। इसके बाद श्री गोस्वामी जदयू में शामिल हो गये। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने श्री गोस्वामी को श्रम संसाधन मंत्री बना दिया।

 गोस्वामी ने वर्ष 2015 में बलरामपुर विधानसभा क्षेत्र से जदयू की टिकट पर चुनाव लड़ा। हालांकि इस बार उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा। श्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले और जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष दुलालचंद गोस्वामी को वर्ष 2019 के आम चुनाव में कटिहार लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का अवसर मिला।

Related Articles

Back to top button