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संत गोपालदास ने गौ चरण भूमि की मांग को लेकर शुरू किया आमरण अनशन

नई दिल्ली,  दिल्ली से सटे हरियाणा के रोहतक में गौ सेवक संत गोपाल दास ने  अनशन शुरू किया है। रोहतक स्थित मान स्वरूप पार्क में सुबह 10 बजे शुरू हुआ संत गोपाल दास का ये अनशन सरकार के गौ चरण के लिए भूमि न दिये जाने और गायों से जुड़े कई अहम मुद्दों के खिलाफ है। गोपाल दास के साथ अनशन पर बैठे लोगों का कहना है कि वे कई बार प्रशासन से मिले मगर कोई कार्रवाई न होने से मजबूर होकर आमरण अनशन पर बैठने का फैसला लिया है।

इनकी मांग है कि जब तक प्रशासन इस समस्या के हल के लिए कोई ठोस कदम अथवा लिखित में कोई आश्वासन नहीं देता अनशन जारी रहेगा। गोपाल दास पिछले कई साल से गाय से जुड़े आंदोलनों में शामिल रहे हैं। हरियाणा से लेकर दिल्ली सरकार तक सबका ध्यान गौ चरण भूमि को मुक्त करवाने पर देने के बाद जब कोई जवाब नहीं मिला तो गोपाल दास ने अनशन को विरोध करने का हथियार बना लिया।

गोपाल दास अनशन पर हैं इस वजह से हमारी उनसे कम बात हो सकी। लेकिन उन्होंने कहा कि मैं गाय के लिए जीवन देने को तैयार हूं। अगर मेरे एक के जाने से हमारे गौ माता को लेकर किये जा रहे आंदोलन की जीत होती है तो मैं मृत्यु को सहर्ष स्वीकार करुंगा। गाय सड़कों पर घूमने को मजबूर हैं। सरकार हमारी बात सुन नहीं रही। सरकार ने हमसे धोखा किया है।

हम सरकार या प्रशासन का विरोध करने के लिए अनशन नहीं कर रहे हैं। हम सिर्फ अपनी मांग को लेकर बैठे हैं। उसको पूरा कराना सरकार की जिम्मेदारी है। इस मामले में गोपाल दास के शिष्य जितेन्द्र मलिक कहते हैं कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद से हमको उनसे ढेरों अपेक्षाएं थी। लेकिन उन्होंने सभी उम्मीदों पर पानी फेरने का काम किया है।

हमने कांग्रेस सरकार का विरोध कर भाजपा सरकार का समर्थन इस दिन को देखने के लिए नहीं किया था। देशी नस्ल को सुधारने के लिए सरकार की तरफ से कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। सरकार ऐसा रवैया अपनाएगी तो कैसे चलेगा। फिलहाल संत गोपाल दास अनशन पर हैं। पहले से अन्न न ग्रहण करने वाले गोपाल दास नें फल और दूध भी अनिश्चित समय के लिए त्याग दिया है।