सहारनपुर, नर्मदा बचाओ आंदोलन से जुड़ी जानी मानी समाजसेवी मेधा पाटकर ने सोमवार को कहा कि संविधान ने भारत को धर्मनिरपेक्ष देश की पहचान दी है और इसे बरकरार रखना हर भारतीय का नैतिक कर्तव्य है। शाकुम्बरी देवी के नांगलमाफी स्थित भारतीय सदन में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुये हुयी सुश्री पाटकर ने कहा कि संविधान की मर्यादा को ध्यान में रखकर ही हम अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर सकते हैं।
यह कोई धार्मिक धर्मग्रंथ नहीं है। यह देश के सभी वर्ग के नागरिकों के अधिकारोें की रक्षा करता है और देश के प्रति उन्हे अपने कर्तव्य की याद दिलाता है। इसलिये हर देशवासी को अपनी इस पहचान को बनाए रखना है और संविधान की रक्षा को तत्पर रहना है।इस मौके पर भारतीय वन जन श्रमजीवी यूनियन के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय गर्ग ने कहा कि गुजरात के दाणी से शुरू हुई और देश के 26 राज्यों से होकर सहारनपुर पहुंची संविधान सम्मान यात्रा से देश के लोगों में भाईचाराए समानताए अधिकार और संघर्ष का भाव नागरिकों में पैदा होगा।
उन्होंने कहा कि वन अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाली बहन सुकालो गौंड को बिना किसी जुर्म के पांच माह की कठिन जेल की सजा काटनी पड़ी। उस दौरान उन्होंने खाना भी छोड़ रखा था। महासचिव अशोक चौधरी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिवस दो अक्टूबर को दाणी से शुरू हुई संविधान सम्मान यात्रा का 25 राज्यों का भ्रमण कर दिल्ली के जंतर.मंतर पर संपन्न होगी।