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संविधान तभी बचेगा, जब दिल्ली-यूपी से भाजपा जाएगी: अखिलेश यादव

प्रयागराज,  समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को कहा कि लोकतंत्र और संविधान तभी बचेगा जब लखनऊ और दिल्ली की कुर्सी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को उखाड़ फेंका जाएगा।

फूलपुर विधानसभा उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी मुजत्बा सिद्दीकी के पक्ष में रूद्रपुर में गुरूवार को आयोजित जनसभा को सम्बोधित करते हुए उन्होने कहा कि जब तक लखनऊ और दिल्ली में भाजपा सरकार रहेगी देश में लोकतंत्र और संविधान खतरे में रहेगा। इसकी सुरक्षा के लिए दोनो स्थानों से भाजपा को उखाड़ फेंकना होगा।

अखिलेश यादव ने कहा कि इसीलिए समय समय पर उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय इनके खिलाफ फैसले करती रहती है मगर सरकार पर काेई असर नहीं है। हमने कहा था कि लोकतंत्र खतरे में है। अभी भी यही स्थिति है, क्योंकि ये सरकार संविधान के अनुसार नहीं चल रही। मगर सरकार पर काेई असर नहीं है। जैसे ये समय-समय पर हमला कर रहे हैं। आज भी यूनिवर्सिटी में छात्रों को अधिकार नहीं मिलते हैं। सपा मुखिया ने कहा कि ये लोग लोकतंत्र नहीं चाहते हैं। संविधान ही हमारी ढाल है, हमारी संजीवनी है, यही हमें शक्ति देता है। संविधान ही हमारा रक्षा कवच है।

उन्होंने कहा कि सरकार डरी हुई, अपनी उपलब्धि नहीं बता पा रही है। इन्हें पता चल गया है कि लोग इनके साथ नहीं है, तो अफसरों के माध्यम से डरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की उपलब्धि यही है कि किसानों का संकट में डाल दिया। मंहगाई बढ़ा दी और त्योहार की मिठास छीन ली।

सपा प्रमुख ने कहा कि ने फूलपुर का चुनाव भले ही उपचुनाव है, मगर यह 2027 को संदेश देगा, जिन्होंने इतने सालों में काम नहीं किया। समय-समय पर उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने इन्हें फटकार लगाई है।। न्याय के नाम पर बुलडोजर लेकर चलते थे। पीडीए के लोग बुलडोजर को सही नहीं मानते हैं। हम भरोसा दिलाते हैं कि जिनके साथ अन्याय हुआ है, उनके साथ न्याय होगा। ये सरकार अब जाने वाली है।

उन्होंने कहा कि भाजपा अपने बड़े-बड़े नेताओं को फूलपुर उपचुनाव प्रचार करने भेज रही है लेकिन वह चुनाव नहीं जीत रही है। जो बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, जो हमें माफिया कहते हैं, इनके अफसरों ने पिछले चुनाव में हेराफेरी की, जिसमें हम कुछ सीटें मामूली अंतर से हार गए। मगर इस बार कार्यकर्ता सतर्क है। ऐसा होने नहीं देंगे। उन्होंने उपस्थित जनसमूह से कहा कि अगर ये वोट डालने से रोके तो रुकना मत, समय आने पर कोई बचेगा नहीं सभी का हिसाब होगा। महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे आने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी बचने वाली नहीं है।

उन्होंने कहा कि वो (मुख्यमंत्री) पीडीए का फुल फॉर्म नहीं समझ पा रहे हैं। उनके एनडीए की शुरुआत भी एन का मतलब नकारातमक से होती है। अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी की रिसर्च कहती है- निगेटिव लोग जल्दी बूढ़े हो जाते हैं। दुखी रहते हैं, भूलने की बीमारी हो जाती है। मेरी सलाह है कि अगर स्वस्थ्य रहना चाहते हैं, तो नकारात्मक सोच को बदलें।

अखिलेश यादव ने कहा कि सपा को गुण्डा, माफिया, बदमाश कहने वाले शायद आइना देखकर घर से नहीं निकलते होंगे। आइना देखकर बाहर निकले तो कभी पीडीए वालों को माफिया या गुण्डा नहीं कहेंगे। जब से समाजवादियों ने पीडीए का नारा दिया है इन्हें डीएपी भी पीडीए नजर आने लगा है। ये अक्षरों से खिलवाड़ कर रहे हैं। ये दुश्मनी रखते हैं इसीलिए किसनों को डीएपी उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं।उन्होंने कहा कि पीडीए सकारातमक सोच का आंदोलन है। हम लोग “सब का साथ सब का विकास” करके आगे बढ़ाना चाहते हैं। कुछ लोगों को पीडीए को देखकर पेट में दर्द होता है, वह दर्द भी पीडीए ही ठीक करेंगी।

अखिलेश यादव ने कहा कि उपचुनाव की तारीख आगे बढ़ाकर वह चुनाव नहीं जीत पाएंगे। जब उन्हें आभास हो गया कि लोग छुट्टियां लेकर त्यौहार पर घर गये हैं, और छुट्टियां वोट देने के लिए बढ़ा रहें हैं तो इन्होंने चुनाव की तारीख आगे बढ़ा दी। जाे चुनाव टालने वाले है, वहीं चुनाव बुरी तरह से हारने वाले हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। अगर किसी तरह परीक्षा का परिणाम आ भी जाए तो यह किसी बहाने कोर्ट में अटका देती है।

इससे पहले अखिलेश का सभ स्थल पर पहुंचते ही तमाम युवा बेकाबू हो गये। कोई पेड पर तो कोई टेंट पर चढ गया। उन्हें उतारने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। सपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच नोकझोक होते हुए भी देखा गया।