नई दिल्ली, बुंदेलखंड के सूखे को लेकर समाजवादी पार्टी संसद में जमकर बरसी। संसद के दोनों सदनों में सपा ने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाये। सपा सांसदों ने केंद्र पर बुंदेलखंड में राजनीति करने के आरोप लगाये। उन्होंने कहा कि सूखाग्रस्त क्षेत्र में पानी पहुंचाने के लिए टैंकरों की मांग को पूरा करने की जगह केंद्र ट्रेन से जलापूर्ति कर रहा है। लोकसभा में सूखे पर चर्चा के दौरान पार्टी सांसद धर्मेद्र यादव ने केंद्र पर भेदभाव करने के गंभीर आरोप लगाये। सूखा राहत के रूप में राज्य सरकार के प्रयासों की चर्चा करते हुए यादव ने कहा कि चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार को बुंदेलखंड की याद आई है। उन्होंने केंद्र सरकार से 10 हजार करोड़ की राहत और 11 हजार टैंकरों की मांग को तत्काल पूरा करने को कहा।
उधर, राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान समाजवादी पार्टी के सदस्य डाक्टर चंद्रपाल यादव ने केंद्र सरकार पर उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड में सूखे के नाम पर राजनीतिक का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सूखा एक प्राकृतिक आपदा है, जिसे केंद्र की राजग सरकार राजनीतिक नाटक के रूप में ले रही है। यादव ने कहा कि बुंदेलखंड में जलापूर्ति के लिए रेलगाड़ी से पानी टैंकरों को भेजकर सरकार ड्रामा कर रही है, जो उचित नहीं है। जलापूर्ति के लिए भेजी गई ट्रेन झांसी में खड़ी है। ट्रेन का फोटो खींचने के लिए उसकी छत पर चढ़े एक फोटो पत्रकार की मौत हो गई है। यादव ने बताया कि सूखे की चपेट में आये जिन लोगों के परिवार का कोई व्यक्ति मर गया तो उसे सरकार की ओर से 20 लाख रुपये की मदद की घोषणा की गई है। यादव ने कहा कि भाजपा शासित मध्य प्रदेश के दायरे वाले बुंदेलखंड में हालत बहुत खराब है, जहां के लोगों को हफ्ते-हफ्ते भर बाद जलापूर्ति होती है। केंद्र को वहां के जिलों को पानी की सप्लाई करनी चाहिए। लेकिन उत्तर प्रदेश में आगामी चुनाव को देखते हुए केंद्र की राजग सरकार राजनीतिक दिखावा कर रही है। सपा सदस्य ने केंद्र से मांग की है कि बुंदेलखंड के लोगों को राहत देने के लिए राज्य सरकार को तत्काल 10 हजार पांच सौ करोड़ रुपये की राशि जारी कर देनी चाहिए। केंद्र सरकार ने बुंदेलखंड के जिला बांदा में एक दलित की मौत भूख से होना बताया था, जबकि उसकी मौत हृदयगति रुकने से हुई। सूखाग्रस्त बुंदेलखंड को राजनीतिक के बजाय मदद की जरूरत है।