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संसद मे टीवी चैनल पर लगा, सांप्रदायिक भावना भड़काने का आरोप

नयी दिल्ली , मोदी सरकार ने आज राज्यसभा को आश्वासन दिया कि मीडिया को भले ही स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति हासिल है लेकिन उसे सांप्रदायिक भावना भड़काने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान ने सदन में शून्यकाल के दौरान एक हिन्दी टेलीविजन चैनल द्वारा उत्तर प्रदेश के संभल में सांप्रदायिक भावना भड़काने की कोशिश का मामला उठाते हुए इस पर प्रतिबंध लगाये जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह चैनल पिछले 12 दिनों से संभल में शांति ए एकता और सांप्रदायिक सद्भावना को तार.तार करने में लगा है । सदस्य ने कहा कि चैनल पर संभल को आतंक का स्थान और जेहादियों का गढ़ बताया जा रहा है। इसके एंकर की शब्दावली ऐसी है जो क्षेत्र में सद्भावना के माहौल को बिगाड़ रही है। उन्होंने इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इस मामले का संज्ञान लिया जायेगा और मीडिया को भले ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हो लेकिन किसी को सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की अनुमति नहीं है।
उप सभापति पी जे कुरियन ने भी कहा कि यह गंभीर मामला है और मीडिया की स्वतंत्रता की बात ठीक है लेकिन मीडिया का काम सांप्रदायिक भावना को भड़काना नहीं है। सरकार इस मामले की निगरानी करे।
श्री खान ने कहा कि इस चैनल के संपादक ने कहा है कि वह 13 अप्रैल को संभल की जामा मस्जिद में जाकर जलाभिषेक करेंगे और वह बड़ी संख्या में लोगों को वहां आने के लिए कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में चुप्पी क्यों साधे हुए है । उन्होंने कहा कि संभल में 1978 के बाद से कोई दंगा नहीं हुआ है और हिन्दू तथा मुस्लिम दोनों समुदाय सौहार्द के साथ वहां रह रहे हैं।