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सचिन तेंदुलकर ने गणतंत्र दिवस पर उठाया ‘खेलने का अधिकार’ का मुद्दा

मुंबई, भारत रत्न और पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने बुधवार को देशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए एक विशेष अधिकार ‘खेलने का अधिकार’ की बात की।

मास्टर ब्लास्टर ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया और 26 जनवरी, 1950 को लागू हुए भारतीय संविधान के बारे में बताया। इस दौरान उन्होंने ‘खेलने के अधिकार’ पर जोर देकर लोगों से न केवल खेल देखने बल्कि उनमें भाग लेने का भी आग्रह किया।

सचिन ने कहा, “गणतंत्र दिवस के अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। आज ही के दिन 1950 में भारत ने अपना संविधान अपनाया था। हमारे संविधान में कानून, अधिकार, अध्यादेश और कई पहलू हैं जिसके कारण हमारा देश मजबूती से आगे बढ़ रहा है, “लेकिन आज मैं एक अलग अधिकार ‘खेलने के अधिकार’ के बारे में बात करना चाहता हूं। ‘बाल अधिकारों’ के संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में इस पर चर्चा की गई है और भारत ने भी इसे स्वीकार कर लिया है।”

पूर्व क्रिकेटर ने कहा, “अगर आप देखेंगे, तो यह एक मजेदार अधिकार है। संयुक्त राष्ट्र भी यह समझता है कि हमारे विकास और बच्चों के स्वास्थ्य में खेलने की महत्वपूर्ण भूमिका है। स्पोर्ट्स प्लेइंग नेशन का भी यही विचार है।”

सकीं ने कहा, “सिर्फ खेल देखें ही नहीं बल्कि खेलें भी, क्योंकि खेल खेलना न केवल बच्चों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है बल्कि सभी के लिए फायदेमंद है। “इसलिए कोविड नियमों को ध्यान में रखते हुए जब भी मौका मिले एक खेल जरूर खेलें।”