सड़क हादसों की रोकथाम के लिए परिवहन विभाग ने शासन को भेजा प्रस्ताव

लखनऊ,  उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने राज्य में सड़क दुर्घटनाओं और मौतों में 50 प्रतिशत की कमी लाने के उद्देश्य से एक कम्युनिटी बेस्ड सड़क सुरक्षा कार्यक्रम का प्रस्ताव तैयार किया है।

परिवहन विभाग के अधिकारियों की मानें तो यह योजना शनिवार को परिवहन विभाग के एक समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा की गई टिप्पणी के बाद तैयार की गई है, जहाँ उन्होंने बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं और मौतों पर चिंता व्यक्त की थी।

‘उत्तर प्रदेश सड़क सुरक्षा साथी (एसएसएस)’ स्वयंसेवी सहायता प्रणाली की सैद्धांतिक स्वीकृति का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया गया है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में जारी ‘भारत में सड़क दुर्घटनाएँ 2023’ रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 2023 में 23,652 लोगों की जान गई, जो भारत में सबसे अधिक है।

परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रवर्तन अधिकारियों की सहायता के लिए एक लाख तीन हजार 510 प्रशिक्षित स्वयंसेवकों को तैनात किया जाएगा। पुलिस और स्थानीय निकायों के समन्वय में सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों (एआरटीओ) की देखरेख में स्वयंसेवकों को प्राथमिक चिकित्सा, भीड़ प्रबंधन और यातायात शिष्टाचार का दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा।

उन्होने बताया कि उन्हें प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से 3,000 प्रति माह के प्रस्तावित मानदेय के साथ-साथ पहचान पत्र, रिफ्लेक्टिव जैकेट, हैंडबुक और किट भी दिए जायेंगे। यह योजना मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री के मार्गदर्शन में तैयार की गई है ताकि मापने योग्य परिणामों के लिए दृश्य उपस्थिति, व्यवहार परिवर्तन और क्षेत्रीय आंकड़ों को जोड़ा जा सके।

अधिकारी ने कहा, “एसएसएस प्रणाली स्थानीय समिति के निर्णयों को कम लागत और उच्च प्रभाव के साथ जमीनी स्तर पर परिणामों में तेजी लाएगी।”

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