सतीश महाना 68वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में उत्तर प्रदेश विधानसभा का करेंगे प्रतिनिधित्व

लखनऊ/शिकागो, उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना 68वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन (सीपीसी) में प्रदेश विधानसभा का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह सम्मेलन पांच से 12 अक्टूबर तक ब्रिजटाउन (बारबाडोस) में आयोजित होगा। जिसमें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) की 180 शाखाओं से प्रतिनिधि भाग लेंगे।

भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कर रहे हैं। सम्मेलन से पूर्व सतीश महाना को अमेरिका के शिकागो में उत्तर प्रदेश एसोसिएशन ऑफ ग्रेटर शिकागो द्वारा आयोजित समारोह में प्रवासी भारतीयों ने सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “हम सबका यह सौभाग्य है कि हमने जिस धरती पर जन्म लिया, वह देवभूमि है। हमारे संस्कार और संस्कृति ने हमें विश्व पटल पर एक विशिष्ट पहचान दी है। उत्तर प्रदेश जैसी पावन भूमि ने हमें गर्व और गौरव दोनों प्रदान किए हैं।”

सतीश महाना ने कहा कि यदि उत्तर प्रदेश एक राष्ट्र होता, तो यह विश्व का पाँचवाँ सबसे बड़ा देश होता। उन्होंने कहा कि हमें अपने “मूल और संस्कारों के प्रति ईमानदार रहना चाहिए, क्योंकि जिस थाली में हमने खाया है, उसमें छेद करना हमारे संस्कार नहीं हैं।” उन्होंने प्रवासी भारतीय समुदाय से अपील की कि वे अपनी योग्यता, परिश्रम और ईमानदारी के बल पर विश्वभर में भारत का नाम ऊँचा करें।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश न केवल भारतीय राजनीति की दिशा तय करता है, बल्कि देश के विकास की राह भी प्रशस्त करता है।
उन्होंने प्रवासी भारतीयों से आग्रह किया कि वे लखनऊ आकर उत्तर प्रदेश विधानसभा के नए और आधुनिक स्वरूप को देखें। उन्होंने कहा, “जब आप उत्तर प्रदेश आएँगे, तो देखेंगे कि प्रदेश ने हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। यह विकास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व और दूरदर्शी नीतियों का परिणाम है।”

ब्रिजटाउन में होने वाले राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में सतीश महाना लोकतांत्रिक संस्थाओं की सुदृढ़ता, शासन में प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग, जलवायु परिवर्तन, वित्तीय पारदर्शिता और बहुपक्षवाद जैसे विषयों पर अपने विचार रखेंगे।

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