सदस्य होने से भास्कर को वेतन नहीं दे सकता डीडीसीए

नई दिल्ली, दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ की परेशानियां लगता है समाप्त होने का नाम नहीं ले रही हैं क्योंकि यह विवादास्पद संस्था अब अपने संविधान के नियमों के कारण अपने सीनियर कोच केपी भास्कर को वेतन नहीं दे सकती है। डीडीसीए के करेंट अकाउंट में अभी 15 लाख रुपए है जबकि उसे अपने कर्मचारियों को 50 लाख रुपए के लगभग धनराशि देनी है।
भास्कर को 23 लाख रुपए के वेतन पर दिल्ली की सीनियर टीम का कोच नियुक्त किया गया था लेकिन अब उन्हें पता चला कि वह डीडीसीए के मतदान का अधिकार रखने वाले सदस्य हैं। डीडीसीए कंपनियों के पंजीयक के तहत पंजीकृत है इसलिए एक सदस्य वित्तीय लाभ का हकदार नहीं होता है। डीडीसीए के कोषाध्यक्ष रविंदर मनचंदा ने कहा, हमें पता चला है कि केपी भास्कर संघ के सदस्य हैं।
संघ के सदस्य को वेतन देने का कोई प्रावधान नहीं है। हमने भास्कर के वेतन का कम से कम कुछ हिस्सा भुगतान करने के लिये आरओसी को लिखा है। मनचंदा से पूछा गया कि क्या डीडीसीए ने नियुक्ति के समय भास्कर की सदस्यता के बारे में पता नहीं किया उन्होंने कहा कि यह बताना दिल्ली के इस पूर्व बल्लेबाज की जिम्मेदारी थी। भास्कर के पूर्ववर्ती कोच विजय दहिया को वेतन मिलता था क्योंकि वह डीडीसीए के सदस्य नहीं थे। इसी तरह की समस्या 2013-14 में संजीव शर्मा की कोच के रूप में नियुक्ति पर आयी थी क्योंकि यह पूर्व तेज गेंदबाज संघ का सदस्य था।