मुंबई, साठ और सत्तर के दशक में हिंदी फिल्मों में अपनी सदाबहार स्टाइल के लिए फेमस हुई अभिनेत्री नंदा की मौत के दो साल बाद उनके परिवार में संपत्ति को लेकर घमासान मच गया है। परिवार को लोगों ने नंदा की वसीयत को फर्जी बताते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मामला मुंबई के वर्सोवा इलाके में एक ट्रिपलेक्स अपार्टमेंट, चार बंगला इलाके में कमर्शियल स्पेस, शाहपुर में जमीन, गहने, नकदी, बैंक डिपॉजिट्स और शेयर्स पर मालिकाना हक का है जिसकी कीमत 20 करोड़ रुपए बताई जाती है। नंदा का निधन 2014 में हुआ था। बताया जाता है कि मौत से पहले नंदा ने एक वसीयत बना कर प्रॉपर्टी के एक्सिक्यूशन का जिम्मा अपने चार्टर एकाउंटेंट रजनीकांत शाह और बिजनस मैनेजर नर्गिस हाजी को सौंपा था।
नंदा के परिवार ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक सूट फाइल कर इस वसीयत को फर्जी बताया है। उनका कहना है कि उनका अपने भाई बहनों से बेहद लगाव था तो ऐसे में वो किसी बाहर वाले को संपत्ति की जिम्मेदारी क्यों देंगी? नंदा के तीन भाई और तीन बहने हैं जिनमे से एक भाई का निधन हो गया है और अब उनके बच्चे संपत्ति की इस लड़ाई में शामिल हो गए हैं। उधर चार्टर एकांउटेंट और बिजनस मैनेजर ने इन दावों को खारिज करते हुए अदालत को बताया है कि नंदा के भाई अभिनेत्री की ठीक से देखरेख नहीं करते थे जबकि नंदा ने अपने परिवार का खूब सपोर्ट किया है। मराठी सिनेमा के जाने माने फिल्मकार विनायक कर्नाटकी की बेटी नंदा ने बचपन से ही फिल्मों में काम करना शुरू किया था। बाद में उन्होंने दीया और तूफान और इत्तेफाक जैसी फिल्मों से अपना स्टारडम साबित किया। जब जब फूल खिले में उनके अभिनय को आज भी याद किया जाता है।