झांसी, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बुधवार को झांसी में कहा कि कानपुर दंगा करने वालों के पक्ष में बोलने वाले दंगाइयों के पक्ष में तो रोना रोते हैं लेकिन उन दंगाइयों ने कितने ही छोटे दुकानदारों की दुकानों में तोड़ फोड की और पुलिस वालों का खून बहाया इस पर मौन रहते हैं। ये कैसा दर्द है ।
यहां सर्किट हाउस में झांसी मंडल की विभिन्न सरकारी योजनाओं का अनावरण करने के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत में उन्होंने कांग्रेस और सपा सहित विपक्षी दलों पर तीखे हमले किये। कानपुर दंगा पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कड़ी प्रतिक्रिया और एक समुदाय विशेष को निशाना बनाये जाने संबंधी इन दलों के प्रमुखों के बयान पर उपमुख्यमंत्री ने इसे मात्र शुद्र वोट बैंक की राजनीति बताया। दंगाइयों ,पत्थरबाजों के लिए इतना रोना और छोटे छोटे दुकानदारों को हुए बड़े नुकसान साथ ही आम जनता की रक्षा को हमेशा तत्पर रहने वाले पुलिसकर्मियों के बहे खून पर मौन, यह किस तरह का दर्द है। यह कुछ भी नहीं केवल वोट की राजनीति है।
ऑल इंडिया मजलिए ए मुत्ताहादिल मुस्लमीन( एआईएआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के मुस्लमानों को भाजपा द्वारा सामूहिक सजा दिये जाने संबंधी बयान पर कहा कि इस मामले की जांच हो रही है, जांच में पूरा सच सामने आ जायेगा और साजिश का पर्दाफाश होगा । जिन लोगों को भाजपा सरकार की फिर से प्रदेश की सत्ता में वापसी बर्दाश्त नहीं हो रही है वह लोग इस तरह की साजिश कर रहे हैं।
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी से हो रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ पर कांग्रेस के आरोपों से जुड़े सवाल पर श्री मौर्य ने कहा कि अगर ईडी ने किसी भ्रष्टाचार के मामले में किसी को तलब किया है तो वह किसी राजनीतिक दल का अध्यक्ष रहा हो या हो , इस आधार पर कोई निर्णय नहीं होता है। जांच को लेकर अभी तक की कांग्रेस के रूख की वह कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। कांग्रेस को आईना दिखाते हुए श्री मौर्य ने कहा कि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो जिस भी जांच एजेंसी ने उन्हें तलब किया हो भाजपा ने कभी उस एजेंसी पर दबाव बनाने के लिए ताकत दिखाने का काम नहीं किया। जांच एजेंसी का काम है जांच करना आप जांच से अगर असंतुष्ट हैं तो न्यायालय का दरवाजा खुला है लेकिन कांग्रेस हो या समाजवादी पार्टी या अन्य कोई भ्रष्टाचारी उनमें जांच को लेकर भय रहता है।
भाजपा के युवाओं को शस्त्र प्रशिक्षण दिये जाने के सवाल पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व में कई देश अपने देश के युवाओं को सैनिक प्रशिक्षण देते हैं ताकि जरूरत पड़ने पर वह मुकाबला भी करते हैं। अगर सरकार ने देश के युवाओं को इस प्रकार का कोई अवसर देने का रास्ता खोला है तो इसका स्वागत करना चाहिए,इसमें भी अगर इन्हें दोष दिखायी देता है तो इन्हें अपनी आंखों का इलाज करायें।
कश्मीरी पंडितों के खिलाफ हो रही हिंसा को रोकने को लेकर सरकार की ओर से किये जा रहे प्रयासों लेकर पूछ गये सवाल को उपमुख्यमंत्री समझ ही नहीं पाये और गफ़लत में कश्मीर की एक एक इंच जमीन वापस ली जायेगी जैसी बेतुकी बात बोलकर आगे बढ़ गये।