इटावा, समाजवादी पार्टी से निष्कासित डॉ रामगोपाल यादव ने कहा है कि सपा की अंदरूनी लड़ाई के बाद अखिलेश यादव पूरे देश में एक मजबूत नेता के तौर पर उभरकर सामने आए हैं। इटावा मे राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भावुक हो उठे।
सपा में जारी अंदरूनी लड़ाई के प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि इससे अखिलेश यादव पूरे देश में एक मजबूत नेता के तौर पर उभरकर सामने आए हैं। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री को नजरअंदाज कर पार्टी में टिकट बांटे जा रहे हैं। शिवपाल यादव पर भड़ास निकालते हुए रामगोपाल ने कहा कि विधानसभा चुनावों के लिए टिकट बंटवारे पर जमकर मनमानी हो रही है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी से कई नेताओं को असंवैधानिक तरीके से निकाला गया। रामगोपाल यादव ने कहा कि विधायकों और सांसदों की मांग है कि बिना मुख्यमंत्री की अनुमति के टिकट बंटवारा नहीं किया जाए। अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया जाए और निकाले गए सभी पार्टी नेताओं को वापस बुलाया जाए।
रामगोपाल यादव ने भावुक होते हुए कहा कि जब उन्हें कोई लालच नहीं था फिर भी उनपर बेइमानी के आरोप लगाए गए, इससे ज्यादा दुखद कुछ नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, “मैं अगर मंत्री बनना चाहता तो न्यूक्लियर डील के वक्त दिल्ली में मंत्री बनता। लेकिन मैने नेता जी (मुलायम सिंह) से साफ मना कर दिया कि मैं मिनिस्टर नहीं बन सकता।”
समाजवादी पार्टी के यूपी अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने 23 अक्तूबर को पार्टी महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव को घरेलू कलह के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था। रामगोपाल यादव पर आरोप था कि वह पार्टी के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं।
पार्टी से निष्कासन के प्रश्न के जवाब में डॉ यादव ने कहा कि मैं अपने को समाजवादी पार्टी का सदस्य मानता हूं और पार्टी सदस्य होने के नाते ही यह बयान दे रहा हूं। उन्होने कहा कि सपा अध्यक्ष हमारी मांगें माने या फिर अधिवेशन बुलाएं। डॉ रामगोपाल यादव ने दावा किया कि मैंने सपा का संविधान लिखा और मैंने सपा को हर मुश्किल से निकाला। उन्होंने कहा कि सपा को बचाने के लिए मैंने कानूनी लड़ाई लड़ी।