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सपा के MY के Y को YADAV की जगह YOUTH मे बदला अखिलेश यादव ने

Akhilesh-Yadav लखनऊ, समाजवादी पार्टी को खड़ा करने मे, MY फार्मूले की बहुत बड़ी भूमिका है. MY फार्मूले मे M का अर्थ मुसलमान और Y का अर्थ यादव है.    पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने जब MY फार्मूले पर समाजवादी पार्टी को आगे बढ़ाना शुरू किया था तो किसी ने भी कल्पना नही की थी कि आगे चलकर ये फार्मूला समाजवादी पार्टी को देश के सबसे बड़े राज्य की सबसे बड़ी पार्टी के रूप मे स्थापित कर देगा. यूपी मे 19 प्रतिशत मुसलमान और 16 प्रतिशत यादवों की आबादी ने समाजवादी पार्टी को  यूपी ही नही देश की  राजनीति मे उस मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया जहां राष्ट्रीय स्तर की पार्टियों के लिये भी समाजवादी पार्टी एक चुनौती बन गई है. राष्ट्रीय पार्टियों के लिये  अब दो ही रास्ते रह गयें हैं, या तो समाजवादी पार्टी से हाथ मिला लो या अपना वोट बैंक बचाने के लिये उसके खिलाफ मजबूती से खड़े हो जाओ क्योंकि अब राष्ट्रीय पार्टियां, सपा को नजरअंदाज करके राजनीति नही कर सकतीं हैं।

25 वर्षों मे, समाजवादी पार्टी को एक और बड़ी उपलब्धि ये हासिल हुयी. उसे भविष्य के लिये अखिलेश यादव के रूप मे एक एेसा नेता मिल गया जो युवा , ऊर्जावान और टेक्निक फ्रेंडली है. चूंकि अखिलेश यादव ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई धौलपुर सैनिक स्कूल से पूरी की इसलिये उनमे विपरीत परिस्थितियों से जूझने और अपने कार्य के प्रति अनुशासन के गुण स्वत: मिल गये हैं. सैनिक स्कूल के बाद उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से पर्यावरणीय प्रौद्योगिकी में स्नातक किया. फिर वह ऑस्ट्रेलिया गए जहां सिडनी यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी कर देश लौटे, तो पिता मुलायम सिंह की इच्छा पर राजनीति मे कदम रखा. साल, 2000 में, उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम रखा. कन्नौज लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में उन्होंने जीत हासिल की और केवल 26 साल की उम्र में वह सांसद बन गये. अखिलेश यादव कन्नौज से तीन बार लगातार संासद रह चुके हैं. साल 2000 से 2012 तक उन्होंने इस सीट का प्रतिनिधित्व किया.

 2012 के यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को मिली भारी जीत के बाद 3 मई 2012 को उन्होंने संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और यूपी की कमान संभाली. मात्र 38 साल की उम्र में वह यूपी के मुख्यमंत्री बन गये. यूपी का मुख्यमंत्री बनने के बाद अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी को आगे बढ़ाने के लिये राजनीति की प्रयोगशाला मे कुछ नये प्रयोग कर डाले. उन्होने समाजवादी पार्टी की अंग्रेजी विरोधी छवि को बदला. उन्होने लैपटाप बांटकर पार्टी की कम्प्यूटर विरोधी और आधुनिक तकनीक विरोधी छवि को भी तोड़ा. इसी के साथ उन्होने पार्टी को जातिवादी छवि से भी बाहर निकालने और पार्टी का जनाधार व्यापक बनाने की कोशिश की. बिना किसी भेदभाव के युवाओं को आगे बढ़ाकर और उनके लिये योजनायें चलाकर अखिलेश यादव ने युवाओं का व्यापक समर्थन हासिल किया. हर धर्म और जाति के युवाओं मे यह भरोसा पैदा किया कि उनके भविष्य के लिये सोंचने वाला और कार्य करने वाला केवल एक ही नेता अखिलेश यादव है.akhilesh yadav

अखिलेश यादव को एक लाभ यह भी मिला कि इस समय यू पी की राजनीति के दिग्गज नेताओं मे केवल वही युवा हैं बाकी सभी उम्रदराज हैं, वह चाहे मायावती हों, नरेंद्र मोदी हों, राजबब्बर हों, स्वामी प्रसाद मौर्या  या केशव मौर्या हों. जो युवा नेता हैं भी जैसे- अनुप्रिया पटेल, जयंत चौधरी, जितिन प्रसाद, पंकज सिंह आदि वह प्रदेश को नेतृत्व देने की क्षमता नही रखतें हैं, उन्होंने अपने को एक जिले या कुछ जिलों तक सीमित कर रखा है. एेसे मे,   पूरे प्रदेश मे युवा, अखिलेश यादव की ओर आकर्षित हुये. युवाओं मे खासकर लड़कियों को अखिलेश सरकार की योजनाओं से विशेष, लाभ पहुंचा है. कन्या धन योजना, लैपटाप योजना, मुफ्त साइकिल योजना, वूमेन पावर लाइन आदि योजनाओं ने युवा महिलाओं मे अखिलेश यादव को लोकप्रिय बनाया है. इस तरह अखिलेश ने  समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के MY फार्मूले के Y को विस्तार देते हुये उसे YADAV की जगह YOUTH मे बदल दिया है. अब केवल यादव ही नही , सारे युवा समाजवादी पार्टी के साथ हैं, अखिलेश यादव के साथ हैं. मुसलमानों को अपने साथ जोड़े रखते हुये, यूथ को भी अपने साथ करके अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी को व्यापक जनाधार प्रदान किया है.

 यादवों के साथ साथ हर वर्ग का युवा अखिलेश यादव के समर्थन मे खड़ा दिखायी दे रहा है.आज  जिसका फायदा विधान सभा चुनाव मे समाजवादी पार्टी को साफ दिख रहा है. क्योंकि वोटरों मे सबसे अधिक संख्या युवाओं की है, जिधर युवा का झुकाव होगा, वही दल या नेता सत्ता पर काबिज होगा. 

लेखक- अनुराग यादव, 9415022994

वरिष्ठ संपादक एवं मीडिया कंसलटेंट

 

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