रामपुर, उत्तर प्रदेश में रामपुर की एक विशेष अदालत ने डूंगरपुर बस्ती मामले में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान समेत छह आरोपियों को बरी कर दिया है।
डूंगरपुर प्रकरण वर्ष 2016 का है, जब प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और आजम खां कैबिनेट मंत्री थे। उन्होंने पुलिस लाइन के पास डूंगरपुर में गरीबों के लिए आसरा आवास बनवाए थे। आरोप है कि इस दौरान कुछ लोगों के पहले से बने मकानों को सरकारी जमीन पर बताकर तोड़ दिया गया था। इन लोगों ने भाजपा की सरकार बनने के बाद 2019 में गंज कोतवाली में मुकदमे दर्ज कराए थे।
12 लोगों की ओर से दर्ज मुकदमों में आरोप लगाया गया है कि सपा सरकार में आजम खां के इशारे पर पुलिस और पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बस्ती में आसरा आवास बनाने के लिए उनके घरों को जबरन खाली कराया। उनका सामान लूट लिया गया और मकानों पर बुलडोजर चलवाकर ध्वस्त कर दिया गया था।
अभियोजन पक्ष की अधिवक्ता सीमा राणा ने बताया कि आजम खान सहित सभी छह आरोपियों को बरी किया गया है। किस आधार पर मुकदमा बरी किया गया है, यह अभी मालूम नहीं हैं। अभी कोर्ट के फैसले की कॉपी नहीं मिली है। इसमें आगे अपील फाइल की जाएगी।
प्रकरण में आजम खान, पूर्व सीओ आले हसन, बरकत ठेकेदार, परवेज शमसी, इकराम खान, इमरान सहित छह को बरी किया गया है, जबकि आरोपी सज्जाद की मौत हो चुकी है। आजम खान के कुल 12 मुकदमों में से छह में सुनवाई हो चुकी है। इन चार मामलों में आजम खान बरी हो चुके हैं, जबकि दो में उन्हें सजा हो चुकी है। एक में 10 साल और दूसरे में सात साल की सजा हो चुकी है। आज वादी इदरीस पुत्र इलाही बख्श, निवासी शिवपुरी थाना स्वार रामपुर के मामले में फैसला सुनाया गया।
फैसला एडीजे प्रथम /ईसी एक्ट एमपी एमएलए कोर्ट के जज डा विजय कुमार ने सुनाया। सुनवाई के दौरान आजम खान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। आजम खान सीतापुर कारागार में बंद हैं, जबकि बाकी सारे आरोपी न्यायालय में पुलिस द्वारा पेशी पर लाए गए।