समाजवादी पार्टी ने प्रेस नोट जारी करके कहा, ‘रामगोपाल यादव का समाजवादी पार्टी से किया गया निष्कासन तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है। रामगोपाल यादव राज्यसभा में पार्टी संसदीय दल के नेता, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, प्रवक्ता तथा पार्टी के केंद्रीय संसदीय बोर्ड के सदस्य के रूप में कार्य करते रहेंगे।’ रामगोपाल यादव ने कहा, ‘ये तो होना ही था। मैंने पार्टी के खिलाफ कभी कुछ नहीं किया। पार्टी में वापसी है, नेताजी की कृपा है। वे मेरे खिलाफ कभी नहीं रहे। वे जानते हैं कि मैं पार्टी के लिए काम करता हूं। पार्टी के निर्देशों से हटकर कभी भी काम नहीं किया। जब उन्होंने बिना कुछ कहे पार्टी में वापसी कर दी तो बाकी तो पार्टी के निर्देशों के हिसाब से ही काम करेंगे। मैंने पहले भी पार्टी के लिए ही काम किया है। वे मन से मेरे खिलाफ नहीं थे।’
यूपी के सीएम अखिलेश यादव के नजदीकी समझने जाने वाले रामगोपाल यादव को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया गया था। उनसे महासचिव का पद भी छीन लिया गया था। पार्टी से निष्कासन के बावजूद वे राज्यसभा में पार्टी के नेता पद पर कायम थे। सदन में उनका रुतबा बरकरार रहा। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन उन्होंने पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए नोट बंदी के मामले पर केंद्र सरकार को घेरा था। इस बीच अब उन्हें पार्टी में वापस ले लिया गया है।