लखनऊ, सपा परिवार में चाचा भतीजे के बीच चल रहा विवाद अब चरम पर पहुंच चुका है। चाचा शिवपाल द्वारा बुलाई गई पार्टी की बैठक में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव दूसरे दिन शनिवार को भी नहीं पहुंचे। पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव भी कार्यकारिणी की इस महत्वपूर्ण बैठक से अनुपस्थित रहे। सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने पार्टी कार्यालय में आज कार्यकारिणी की बैठक बुलाई थी। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री को भी आमंत्रित किया था, लेकिन वह बैठक में नहीं आये। मुख्यमंत्री शुक्रवार को जिलाध्यक्षों की बैठक में भी नहीं शरीक हुए थे। बाद में उन्होंने जिलाध्यक्षों को अपने सरकारी आवास पर बुलाकर उनके साथ अलग से बैठक की थी।
आज कार्यकारिणी की बैठक से पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता परिवार में सुलह कराने के प्रयास में मुलायम के आवास पर सुबह से ही जुटे थे। इन नेताओं में राज्यसभा से सांसद बेनी प्रसाद वर्मा, रेवती रमण सिंह, नरेश अग्रवाल और विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय प्रमुख रहे। मुलायम से वार्ता के दौरान वहां शिवपाल भी मौजूद रहे। थोड़ी देर बाद वह वहां से निकलकर पार्टी कार्यालय चले गये और कार्यकारिणी की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के न पहुंचने पर कार्यकारिणी के सदस्यों में बड़ी उहापोह की स्थिति रही। इस बीच मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों के साथ मंथन किया। शुक्रवार को भी उन्होंने कई मंत्रियों के साथ बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने पार्टी के गिर रहे ग्राफ के लिए केंद्रीय नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया।
अखिलेश से मिलने कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति भी आज मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे लेकिन मुख्यमंत्री ने उनसे मिलने से मना कर दिया। खबर है कि सपा परिवार का कलह जल्दी समाप्त होने वाला नहीं है। सपा में मचे इस घमासान के बीच अब सबकी नजर उन दो बैठकों पर है जो रविवार और सोमवार को होने वाली हैं। दरअसल मुलायम ने 24 अक्टूबर को पार्टी के सभी विधायकों की बैठक बुलाई है, लेकिन मुख्यमंत्री ने इससे ठीक एक दिन पहले रविवार को ही सभी एमएलए और एमएलसी की बैठक बुला ली है।