इलाहाबाद, एक अदद सरकारी नौकरी के लिए बेरोजगारों की लंबी फौज इन दिनों डाकघरों में उमड़ रही है। इस भीड़ में बड़ी संख्या पीएचडी, एमबीए, इंजीनियरिंग और बीएड डिग्रीधारकों की है। इतनी पढ़ाई करने के बाद भी ये अफसर बनने की होड़ में नहीं बल्कि सफाई कर्मचारी बनने की कतार में लगे हैं।
इन दिनों सूबे के सभी जिलों में सफाई कर्मचारियों की भर्ती के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं। जिसकी पात्रता आठवीं पास है लेकिन आश्चर्य की बात तो यह है कि इस भर्ती के फार्म भरने वाले अधिकतर युवा डिग्रीधारी हैं। गुरुवार को प्रधान डाकघर में सफाई कर्मी के लिए आवेदन करने आए करछना के मुनेश्वर ने बताया कि वह पीएचडी कर चुका है लेकिन चार साल भटकने के बाद भी जब नौकरी नहीं मिली तो वह सफाईकर्मी बनने की कतार में लग गया। इसी तरह डाकघर में लाइन में खड़े मेजा के मुनेश कुमार ने बताया कि वह एमबीए कर चुका है। मऊआइमा से आया सलाउद्दीन बीएड कर चुका है। इन दोनों ने कहा कि नौकरी मिल जाए तो रोजी-रोटी का जुगाड़ हो जाए। नैनी के संदीप ने सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है लेकिन जब नौकरी नहीं मिली तो सफाईकर्मी बनने को तैयार हो गया।
इनके जैसे हजारों युवा डाकघर में लगी कतारों में खड़े हैं। सफाई कर्मचारी की भर्ती निकलने से डाकघरों में प्रतिदिन हजारों की भीड़ जुट रही है। भीड़ अधिक होने के चलते शहर के कई डाकघरों में पांच से सात काउंटर डाक टिकट बेचने और आवेदन जमा करने के लिए खोले गए हैं। सफाई कर्मी के पद पर महिलाएं भी आवेदन कर रही हैं। इनका आवेदन जमा करने के लिए प्रधान डाकघर और कचहरी डाकघर में दो स्पेशल काउंटर बनाए गए हैं। भीड़ को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से शनिवार से प्रधान डाकघर और कचहरी डाकघर में पुलिस भी तैनात कर दी गई है।