नई दिल्ली, सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश मामले को संविधान पीठ को भेजने को मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। सुप्रीमकोर्ट की तीन जजों की पीठ ने संकेत दिए है कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का मामला विचार के लिए संविधानपीठ को भेजा जा सकता है। इसके अलावा सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पक्षकारों से एक सप्ताह मे कानूनी प्रश्न तैयार करके देने को कहा है।
केरल के सबरीमाला मंदिर मे 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर रोक है। इंडिया यंग लायर्स एसोसिएशन की ओर से मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी गई है। गौरतलब है कि इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिए हैं कि वह सबरीमाला के मामले को पांच जजों की संविधान पीठ के पास विचारार्थ भेजा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि दस साल से 50 साल तक की महिलाओं को ऐतिहासिक सबरीमाला मंदिर में नहीं जाने देने की प्रथा पर महिलाओं के मौलिक अधिकारों के हनन का मामला बनता है। जस्टिस दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि महिलाओं को अधिकारों से वंचित किया गया है। इस मामले में एक विस्तृत फैसला पांच जजों की संविधान पीठ दे सकती है। जस्टिस सी नागप्पन और आर भानुमति की इस खंडपीठ ने कहा कि एक मंदिर सार्वजनिक धार्मिक स्थल है।