सबरीमाला, केरल सरकार ने साफ कर दिया है कि भूमाता ब्रिगेड की प्रमुख तृप्ति देसाई को भगवान अयप्पा के मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। पता चला था कि तृप्ति सौ महिलाओं के साथ इस प्रख्यात मंदिर में प्रवेश की योजना बना रही थीं। दस से पचास वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर सैकड़ों साल से रोक लगी हुई है। राज्य के धार्मिक मामलों के मंत्री केदाकंपल्ली सुरेंद्रन ने कहा है कि सबरीमाला मंदिर की प्रशासनिक देखभाल त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड (टीडीबी) करता है। उसके नियम और परंपराएं सभी पर समान रूप से लागू होती हैं। मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बगैर मंदिर में प्रवेश के नियमों-रिवाजों को नहीं बदला जा सकता। माकपा नेतृत्व वाली राज्य सरकार का इस मसले पर बदला हुआ रुख तब सामने आया था जब उसने नवंबर में सुप्रीम कोर्ट में नया शपथ पत्र दिया था। इस शपथ पत्र के अनुसार केरल सरकार सभी उम्र की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश की पक्षधर है। इसी के बाद तृप्ति देसाई ने एक सौ महिला कार्यकर्ताओं के साथ मंदिर में प्रवेश की योजना बनाई। तृप्ति ने इससे पहले शनि शिंगणापुर मंदिर, त्रयंबकेश्वर के शिव मंदिर और हाजी अली दरगाह में प्रवेश के लिए अभियान चला चुकी हैं।