बिहार मे इस बार मंडल और कमंडल के बीच हुयी जंग का पूरा पूरा असर बिहार विधानसभा के लिये चुने गये विधायकों की जातीय संख्या पर नजर आ रहा है। जहां बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने सबसे ज्यादा सवर्ण उम्मीदवार उतार कर मुंह की खायी और महागठबंधन ने पिछड़े, दलित और मुस्लिमों उम्मीदवारों पर दांव लगाकर बाजी अपने पक्ष मे कर ली है। बिहार मे सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली लालू प्रसाद यादव की पार्टी का सामाजिक न्याय का समीकरण बिल्कुल खरा उतरा है। बिहार विधानसभा मे इस बार यादव और दलित उम्मीदवार भारी संख्या मे जीतकर आयें हैं। तीसरा स्थान मुस्लिम उम्मीदवारों का रहा है। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में यादव विधायकों की संख्या 61, अनुसूचित जाति के विधायकों की संख्या 39 और मुसलमान विधायकों की संख्या 24 हो गई है। अब विधानसभा में हर चार विधायकों में से एक विधायक यादव, हर छः विधायकों पर एक विधायक दलित और हर 10 विधायकों पर एक विधायक मुस्लिम है। सबसे अधिक यादव, मुस्लिम ओर दलित विधायक राजद से जीतें हैं।
यादव और मुसलमानों की संख्या इस बार पिछले विधानसभा की अपेक्षा ज्यादा है। सबसे ज्यादा यादव और मुसलमान विधायक राजद में हैं। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में यादव विधायकों की संख्या 61 और मुसलमान विधायकों की संख्या भी इस दफा 19 से बढ़कर 24 हो गई है। राजद में यादवों की संख्या 42, जदयू के 11, कांग्रेस के 2 और भाजपा के 6 विधायक हैं। कांग्रेस ने तीन यादवों को टिकट दिया था, बीजेपी ने 23 यादवों को टिकट दिया था। यादवों के बाद सबसे अधिक संख्या अनुसूचित जाति के विधायकों की है। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में कुल 38 विधायक अनुसूचित जाति के हैं। इनमें राजद में 13, जदयू में 10, कांग्रेस में 5, एनडीए में 9 और (सीपीआई-एमएल लिबरेशन) में 1 हैं। इनके सामाजिक वर्गीकरण पर नजर डालें तो 13 रविदास, 11 पासवान, 06 मुसहर, 06 पासी , 02 धोबी और एक वालमीकि है।जीते हुये 24 मुसलमान विधायकों में राजद में 12, जदयू में 5, कांग्रेस में 6 और (सीपीआई-एमएल लिबरेशन) में 1 हैं। दिलचस्प बात यह है कि एनडीए की ओर से इस दफा 16 मुसलमानों को अपना प्रत्याशी बनाया गया था, इसमें मात्र एक प्रत्याशी किशनगंज से चुनाव जीते हैं। इसे राजद प्रमुख लालू प्रसाद के माई समीकरण का परिणाम कहा जा रहा है।
संख्या के हिसाब से चैथे स्थान पर कोयरी और राजपूत विधायकों ने बाजी मारी है। दोनों ही बिरादरी के 19-19 विधायक चुन कर आयें है। राजपूत विधायकों की बात करें तो विधानसभा में 19 राजपूत विधायकों मे आरजेडी में 2, जेडीयू में 6, कांग्रेस में 3, बीजेपी ने 8 राजपूत विधायक जीते हैं। एलजेपी, आरएलएसपी और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा का कोई भी राजपूत उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सका है।19 कोयरी विधायकों मे जेडीयू के सबसे ज्यादा 11 कोइरी उम्मीदवार जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं जबकि आरजेडी के 4, बीजेपी के 3 और आरएलएसपी के 1 उम्मीदवार को जीत मिली। अन्य जातियों मे प्रमुख रुप से 17 भूमिहार, 16 कुर्मी, 16 वैश्य और 3 कायस्थ विधायक भी चुनाव जीतें है।