कोलकाता, भारत के स्टार निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने कहा है कि अगर भारत को शीर्ष स्तर पर सफलता हासिल करनी है और खेल देश के रूप में उभरना है तो सभी चीजों को खेल विज्ञान के इर्द गिर्द तैयार करना होगा। बीजिंग ओलंपिक 2008 में स्वर्ण पदक जीतने वाले बिंद्रा ने कहा कि करिश्मा कम समय में नहीं होता और बेहतर नतीजे देने के लिए सही दिशा में प्रयास करने पड़ते हैं।
अब तक भारत के एकमात्र ओलंपिक व्यक्तिगत स्वर्ण पदक विजेता बिंद्रा ने कहा कि प्रतिभा की पहचान करने के लिए नतीजे एकमात्र पात्रता नहीं होने चाहिए और अगर जरूरत पड़े तो इसके लिए पश्चिमी प्रणाली अपनानी चाहिए। फेनेटिक स्पोर्ट्स म्यूजियम में पहले रोटलेज स्पोट्र्स लेक्चर के दौरान बिंद्रा ने कहा, प्रतिभा की पहचान करना वैज्ञानिक प्रक्रिया होनी चाहिए।
आप युवाओं के नतीजों को ही सफलता का एकमात्र पैमाना नहीं मान सकते। बारह साल की उम्र में मैं बिलकुल बेकार था लेकिन मैं ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहा। आपको प्रतिभा की पहचान करने के लिए वैज्ञानिक तरीका अपनाना होगा। उन्होंने कहा, पश्चिमी देश काफी वैज्ञानिक परीक्षण करते हैं-बच्चों के जीन्स, शारीरिक ढांचा, कौन सा खेल सबसे अनुकूल रहेगा। हमें इस प्रणाली को अपने देश में लाना होगा। सभी चीजों को खेल विज्ञान और मेडिसिन के इर्द गिर्द तैयार करना होगा। अगर आप शीर्ष स्तर पर सफलता चाहते हो तो इनकी अनदेखी नहीं की जा सकती।