समग्रता के कारण आयुर्वेद की पहचान पूरी दुनिया में -नरेंद्र मोदी

narendra-modi-budgetकोझिकोड (केरल). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैश्विक आयुर्वेद महोत्सव (जीएएफ) में भाग लेने के लिए कोझिकोड पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य को लेकर समग्र नजरिये के कारण आयुर्वेद की पहचान आज पूरी दुनिया में है. उन्होंने कहा कि आयुर्वेद से बहुत सारे स्वास्थ्यगत समस्याओं का समाधान संभव है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां आयुर्वेद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आयुर्वेद की संभावनाओं का अबतक पूरा उपयोग नहीं किया जा सका है. यहां वे आज ‘विजन कान्क्लेव’ का उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे हैं.

दो साल में एक बार होने वाले जीएएफ को आयुर्वेद के क्षेत्र का सबसे बड़ा आयोजन माना जाता है. इसका आयोजन केरल सरकार, आयुष विभाग के साथ मिलकर ‘सेंटर फॉर इनोवेशन इन साइंस एंड सोशल एक्शन’ कर रहा है.  आयोजकों ने कहा कि जीएएफ का मुख्य आकर्षण ‘विजन कान्क्लेव’ जिसे प्रधानमंत्री संबोधित करेंगे. मोदी के साथ केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री श्रीपद यशो नाइक और केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी भी सम्मेलन को संबोधित करेंगे. इस सम्मेलन में एक ‘होम पवेलियन’ होगा. इस विशेष हिस्से में जनता को आयुर्वेद के बारे में सभी तरह की जानकारी दी जाएगी.

प्रधानमंत्री की इस केरल यात्रा को आगामी विधानसभा चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है. आपको बता दें कि केरल में 2016 में चुनाव होने हैं जिसकी तैयारियों का जायजा लेने के लिए चुनाव आयोग तीन से पांच फरवरी के बीच यहां का दौरा करेगा और वहां राज्य प्रशासन के अधिकारियों एवं राजनीतिक दलों सहित दूसरे हितधारकों के साथ बातचीत करेगा. तीनों चुनाव आयुक्त चुनाव आयोग के दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अगले हफ्ते तीन दिनों के लिए तमिलनाडु और पुडुच्चेरी का भी दौरा कर सकते हैं.

अप्रैल-मई में पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुच्चेरी में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. चुनाव आयोग पहले ही चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए पश्चिम बंगाल और असम का दौरा कर चुका है. जहां तमिलनाडु एवं पश्चिम बंगाल की विधानसभाओं का कार्यकाल मई में खत्म होने वाला है वहीं केरल, पुडुच्चेरी और असम की विधानसभाओं का कार्यकाल जून में खत्म होगा. मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी और साथी आयुक्त ए के ज्योति और ओ पी रावत बुधवार को केरल पहुंचेंगे और पांच फरवरी को दिल्ली लौटेंगे. चुनाव आयोग मार्च में पांचों राज्यों के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करेगा.

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