मेरठ, मंडलायुक्त आलोक सिन्हा ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे, मेरठ-बुलदंशहर एक्सप्रेस वे और डैडीकेटिड फ्रेट कोरीडोर को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। इसके लिए टाइम फ्रेम बनाकर कार्य को पूरा किया जाए। बेवजह की अड़चन मंजूर नहीं होगी।
गुरुवार को आयुक्त सभागार में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे, मेरठ-बुलन्दशहर एक्सप्रेस वे (नेशनल हाईवे 235) व डैडीकेटिड फ्रेट कोरीडोर (डीएफसीसी) की समीक्षा बैठक में आयुक्त आलोक सिन्हा ने कहा कि महत्वपूर्ण प्रोजेक्टों के सभी कार्य टाईम फ्रेम बनाकर समय से पूर्ण करायें तथा जिन-जिन जनपदों में अभी भूमि अधिग्रहण का कार्य शेष है व भूमि अधिग्रहण के पश्चात मुआवजे का वितरण नहीं हुआ है वह कार्य जल्द पूर्ण करें।
आयुक्त ने कहा कि प्रत्येक जनपद में शिकायत निस्तारण समिति (ग्रिवेंस रिड्रेसल कमेटी) का गठन करें। कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। मुख्य सचिव जल्द प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक करेंगे। उन्होंने कहा कि जो कोई भी सरकारी व जनोपयोगी कार्यों में बाधा उत्पन्न करें ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने डीएफसीसी से सम्बंधित भूमि अधिग्रहण मेरठ में 15 अप्रैल से पहले व गाजियाबाद में मार्च तक पूर्ण करने के निर्देश दिये। आयुक्त ने कहा कि प्रत्येक जनपद में शिकायत निस्तारण समिति (ग्रिवेंस रिड्रेसल कमेटी) का गठन करें ताकि किसानों से सम्बंधित व जिस भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है उससे सम्बंधित तथा प्रोजेक्ट की प्रगति की भी समीक्षा की जा सके। उन्होंने कहा कि जिन-जिन स्थानों पर विद्युत सब स्टेशन से संबंधित कार्य या लाइन हटाने या जोड़ने के कार्य किये जाने है वहां विद्युत शटडाउन से पहले न्यूजपेपर व अन्य माध्यमों से शटडाउन की घोषणा अवश्य कराये ताकि लोगों को परेशानी न हो। अपर आयुक्त आरएस धामा ने बताया कि डैडीकेटिड फ्रेट कोरीडोर (डीएफसीसी) के अन्तर्गत बुलन्दशहर में 182.89 करोड़ रूपये की अवार्ड (मुआवजा राशि) देनी थी जिसके सापेक्ष 115.85 करोड़ रूपये दी जा चुकी है। गौतमबुद्धनगर में ईस्टर्न पैरीफेरल में 75.02 करोड़ रूपये के सापेक्ष 63.37 करोड़ रूपये दी जा चुकी है तथा वैस्टर्न पैरीफेरल में 207.48 करोड़ रूपये के सापेक्ष 158 करोड़ रूपये दी जा चुकी है तथा गाजियाबाद व हापुड़ में 311.37 करोड़ रूपये के सापेक्ष 90.70 करोड़ रूपये दिये जा चके है तथा जनपद मेरठ में 739.13 करोड़ रूपये के सापेक्ष 101.71 करोड़ रुपए दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की परियोजना के अन्तर्गत दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे का निर्माण चार हिस्सों में पूरा होगा। पहले पैकेज में छह लेन एक्सप्रेस वे व आठ लेन नेशनल हाइवे 24 दिल्ली के सराय काले खां, आउटर रिंग रोड दिल्ली से गाजीपुर तक है जिसकी कुल लम्बाई 8.70 किमी है। इस पैकेज में 28 नवम्बर 2016 से कार्य शुरू किया जा चुका है। द्वितीय पैकेज में छह लेन एक्सप्रेस वे व आठ लेन नेशनल हाइवे 24 में गाजीपुर से डासना है जिसकी कुल लम्बाई 19.20 किमी है। इस कार्य हेतु टेण्डर प्राप्त हो चुके है तथा कार्यों का आवंटन किया जाना है। इससे संबंधित मामला हाईकोर्ट दिल्ली में विचाराधीन है। तृतीय पैकेज में छह लेन एक्सप्रेस वे व दो लेन सर्विस रोड जोकि डासना से हापुड तक है जिसकी कुल लम्बाई 22.2 किमी है इस पैकेज में कार्य 19 दिसम्बर 2016 से प्रारम्भ किया जा चुका है। चतुर्थ पैकेज में छह लेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे जोकि डासना से मेरठ तक है तथा जिसकी कुल लम्बाई 32 किमी है। इस पैकेज के लिए ईपीसी मोड में आरएफपी आमंत्रित किये गये थे बिड की नियत तारीख 16 मार्च 2017 है। उन्होंने बताया कि मेरठ से बुलन्दशहर एक्सप्रेस वे नेशनल हाइवे 235 जिसकी कुल लम्बाई 66 किमी है परियोजना की कुल लागत 868.77 करोड़ रूपये है। एनएचएआई ने वन विभाग से प्रथम चरण का क्लीयरेंस ले लिया है तथा द्वितीय चरण का क्लीयरेंस जल्द मिलने की सम्भावना है। उन्होंने बताया कि परियोजना अन्तर्गत भूमि अधिग्रहण में मेरठ में 13 ग्रामों की भूमि के अधिग्रहण में 391.81 करोड़ रूपये की अवार्ड राशि देनी है जिसमें से 268.15 करोड़ रूपये दिये जा चुके है। जनपदहापुड़ के 18 ग्रामों की भूमि अधिग्रहण में 315.13 करोड़ रूपये की अवार्ड राशि देनी है जिसमें से 230.08 करोड़ रूपये दिये जा चुके है तथा बुलन्दशहर के 18 ग्रामों की भूमि अधिग्रहण में 134.37 करोड़ रूपये की अवार्ड राशि देनी है जिसमें से 40.60 करोड़ रूपये दिये जा चके है। उन्होंने बताया कि 354.88 हेक्टेयर की भूमि अधिग्रहण की जा चुकी है तथा 206.02 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण अभी शेष है।