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समस्याओं को देखकर आंख बंद न करें छात्र: आनंदीबेन पटेल

मेरठ, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने छात्र छात्राओं का आवाहन किया कि वे समस्याओं को देखकर आंख बंद न करें और उनके समाधान तलाश करने पर जोर दें।

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में बुधवार को आयोजित 33वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर आनंदीबेन ने कहा कि अगर समाधान पायेंगे तभी नव आचार संभव है। मैडल पाने वाली छात्राओं की संख्या अधिक होने पर उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे छात्रों को इस तरह प्रोत्साहित करें कि वे पढ़ाई करके स्वस्थ वातावरण में आगे बढ़ने के काबिल बन सकें। उन्होंने कहा कि काफी युवा मौजूदा दौर में राजनीति में आने के इच्छुक होते हैं लेकिन उसके लिये भी उन्हें पढ़ाई करना बहुत जरूरी है।

इस मौके पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने विपक्ष को राजनीति के निशाने पर लेते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने ऐसे काम नहीं किये जो दिखाई देते। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार जो काम किये हैं वे दिखाई सबके सामने हैं। उन्होंने 40 वर्ष पूर्व सरयू नदी परियोजना की चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिर्फ साढ़े चार वर्ष में इसे पूरा करके दिखा दिया।

उन्होंने कहा कि मेरठ के आर्थिक महत्व के मद्देनजर ही प्रधानमंत्री मोदी ने देश के पहले रैपिड रेल योजना का शुरू की है। इसके अलावा मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने मेरठ को मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय देकर यहां के खेल प्रेमी युवाओं को एक सौगात दी है।

दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने 53 मेधावियों को स्वर्ण पदक और 153 को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। जबकि राज्यपाल और उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने प्रीति शर्मा को मुरारी लाल माहेश्वरी स्वर्ण पदक से और आयुषी अग्रवाल को अतुल माहेश्वरी स्वर्ण पदक से सम्मानित किया।

हर बार की तरह 33वें दीक्षांत समारोह में भी छात्राओं ने ही बाजी मारी, जिनमें एक लाख 27 हजार 961 की कुल संख्या में से 85 हजार 496 अर्थात करीब 66 प्रतिशत छात्राओं को उपाधियां मिलीं। जबकि 42 हजार 492 अर्थात करीब 33 प्रतिशत छात्र ही उपाधि प्राप्त कर सके। इसके अलावा 75.24 प्रतिशत छात्राओं ने मेडल पर कब्जा जमाया। कुल 206 मैडल में से लड़कियों को 155 और लड़कों को मात्र 51 प्राप्त हुए।

कुलाधिपति ने 50 छात्र छात्राओं को प्रायोजित मेडल दिये जबकि अन्य टॉपर विद्यार्थियों को कुलपति प्रोफेसर एनके तनेजा और अन्य अतिथियों द्वारा मेडल दिये गये। समारोह में वर्ष 2021 के लिए एक कुलाधिपति स्वर्ण पदक, एक पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक, दो चौधरी चरण सिंह स्मृति प्रतिभा पुरस्कार, 50 प्रायोजित स्वर्ण पदक, 155 कुलपति स्वर्ण पदक एवं 177 विशिष्ट योग्यता प्रमाण पत्र दिए गये हैं। जबकि वर्ष 2020 के लिए एक प्रायोजित स्वर्ण पदक, छह कुलपति स्वर्ण पदक और नौ विशिष्ट प्रमाणपत्र दिए गये।

मुख्य अतिथि के रूप में इंस्टीट्यूट फॉर स्टडीज इन इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट, नई दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर नागेश कुमार तथा विशिष्ट अतिथि प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा शामिल हुए।