लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव अपने अनुज शिवपाल यादव की नाराजगी दूर करने के लिए और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोटों को हासिल करने के लिहाज से एक बार फिर कौमी एकता दल के साथ विलय को हरी झंडी दिखा सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, कौमी एकता दल पर फैसला लेने के लिए जल्द ही समाजवादी पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई जा सकती है.
एटा पहुंचे कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव ने भी कुछ एेसे ही संकेत दिये हैं. शिवपाल यादव ने कहा कि अखिलेश सरकार ने सबसे ज्यादा विकास किया है. अखिलेश काफी अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोग प्लॉट्स पर कब्जा कर रहे हैं. मेरे कहने पर भी अधिकारी नहीं सुन रहे हैं, इसलिए इस्तीफे की बात कही थी. शिवपाल यादव ने कहा कि कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय का निर्णय करने का अधिकार नेताजी का है. कौमी एकता दल के विलय का निर्णय नेताजी करेंगे.
लखनऊ मे अखिलेश सरकार में परिवार कल्याण राज्य मंत्री रविदास महरोत्रा ने कहा कि अगर मुलायम सिंह यादव चाहें तो कौमी एकता दल का सपा में फिर से विलय हो सकता है. उन्होंने कहा, ‘कौमी एकता दल से नाता तोड़ने का फैसला पार्टी की संसदीय बोर्ड ने किया था, लेकिन अगर बोर्ड चाहे तो यह फैसला फिर से पलटा जा सकता है. समाजवादी पार्टी में लोकतंत्र है और यहां बहुमत के आधार पर ही फैसला होता है. ‘राजनीति में संभावनाओं के दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं और किसी भी फैसले पर पुनर्विचार हो सकता है.’
रविदास ने कहा कि राजनीति में फैसले बदलते रहते हैं और मुलायम सिंह यादव ने बहुत संघर्ष करके पार्टी खड़ी की है, इसलिए उन्हें हक है कि वह अपना फैसला बदल सकें.