लखनऊ, समाजवादी पार्टी की स्थापना के 25 वर्ष पूरे हो गये। 05 नवम्बर 1992 में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी की स्थापना हुई थी। आज उस ऐतिहासिक राजनीतिक निर्णय के 25 वर्ष पूरे हो गयें हैं। आज युवा समाजवादी पार्टी, युवा नेतृत्व के हाथों राजनीति की नई इबारत लिखने की तैयारी कर रही है।
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अपने स्थापना काल से समाजवादी पार्टी की विचारयात्रा में भारतीय राजनीति और लोकतंत्र को सशक्त करते हुए नए अध्याय जुड़े हैं। अपने प्रस्थान बिंदु से समाजवादी पार्टी निरंतर अन्याय के खिलाफ संघर्ष और लोककल्याणकारी कार्यों की शुरूआत के लिए राजनीतिक फलक पर अपनी अलग पहचान बनाए हुए हैं।
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समाजवादी पार्टी की वैचारिक एवं सांगठनिक पृष्ठभूमि जहां स्वतंत्रता आंदोलन को लिए हुए हैं वहीं आचार्य नरेंद्र देव, जय प्रकाश नारायण, डा0 राममनोहर लोहिया से होते हुए चौधरी चरण सिंह तक की विरासत को भी समेटे है। समाजवादी पार्टी लोकतंत्र, समाजवाद और सामाजिक सद्भाव के लिए प्रतिबद्ध रही है। सांप्रदायिक ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देने का काम यही पार्टी करती आई है। गांव-गरीब के साथ इसका जुड़ाव रहा है। किसान, नौजवान, महिलाओं सहित समाज के सभी वर्गों के हित की चिंता समाजवादी पार्टी ही करती है।
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आज जब देश में लोकशाही की नकली चादर ओढ़कर फासीवादी ताकतों के मुकाबले देश में एक नए राजनीतिक विकल्प के रूप में समाजवादी पार्टी पर सबकी निगाहें हैं। इसका नेतृत्व युवा एवं दूरदर्शी नेता अखिलेश यादव कर रहे हैं जो सिद्धांत और कार्यक्रम के बूते जनआकांक्षाओं को पूरा करने में लगे हैं। एक समतामूलक समाज की स्थापना के लक्ष्य के साथ समाजवादी सरकार में पूरे पांच साल विकास की अविरल धारा बहाने का काम श्री अखिलेश यादव ने किया और समाज के कमजोर और पिछड़े तबके के लोगों की जिंदगी में नई उम्मीदें जगाईं।
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डा0 लोहिया ने समाजवाद का जो रास्ता दिखाया था, उस पर समाजवादी पार्टी ने चलते हुये समाजवादी मूल्यों को मजबूत करने का काम किया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने व्यक्तित्व, व्यवहार और कार्यशैली से राजनीति को जनकेन्द्रित बनाया है। वहीं उन्होने देश के गरीबों, कमजोर वर्गों के मन मे यह विश्वास पैदा किया है कि उनके अधिकारों की रक्षा के लिये समाजवादी पार्टी हर स्तर पर संघर्ष करेगी।