समाजवादी पार्टी को उच्च सदन मे पहली बार बहुमत हासिल हो गया है। बसपा के 34 सदस्यों का कार्यकाल आज खत्म होने के साथ सूबे मे सत्तारुढ पार्टी राज्य विधान परिषद मे सबसे बडा दल बन गया है। उच्च सदनमे सपा की मौजूदा सदस्य संख्या 28 है। राज्य विधान परिषद मे अब सपा के 28, बसपा के 11, भारतीय जनता पार्टी के सात, कांग्रेस के दो, राष्ट्रीय लोकदल का एक, शिक्षक दल के पांच और चार निर्दलीय सदस्य है।उच्च सदन की 42 सीटें रिक्त हैं। इनमें सरकार द्वारा नामित किये जाने वाले सदस्याें की पांच सीटें भी शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सभापति समेत 36 सदस्याें का कार्यकाल आज पूरा हो गया। इनमें से दो सदस्य पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। राज्य विधान परिषद के जिन सदस्याें का कार्यकाल आज खत्म हो रहा उनमें सभापति गणेश शंकर पांडेय, कैलाश यादव, पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी की पत्नी हुस्ना सिद्दीकी और पूर्व कांग्रेस नेता जतिन प्रसाद के भाई जयेश प्रसाद शामिल हैं। निर्वाचक मंडल के गठन में विलंब के चलते स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्र की इन 36 सीटो के लिए चुनाव अब फरवरी-मार्च में आयोजित हटेंगे। अवकाश ग्रहण करने वाले इन 36 सदस्याें में से 34 बहुजन समाज पार्टी के थे।
इसके पहले वर्ष 2010 में हुए इन सीटाें के चुनाव में 36 में से कुल 34 सीटाें पर जीत का परचम फहराया था। इससे सूबे की सत्ता में उस समय काबिज बसपा की राज्य विधान परिषद में सदस्य संख्या बढकर 45 हो गई थी।
इस बीच, सत्तारुढ पार्टी में उच्च सदन में सभापति पद के लिए दौड शुरु हो गई है। पार्टी सूत्रों ने आज बताया कि उच्च सदन के सभापति पद की दौड में प्रदेश के पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी, हरदोई के अशोक बाजपेयी, फतेहपुर के नरेश उत्तम शामिल हें।इस बारे में
अंतिम फैसला पार्टी मुखिया मुलायम सिंह द्वारा लिया जायेगा।