लखनऊ, समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार 11 हजार प्राथमिक विद्यालयों को पीपीपी मॉडल पर अपने चहेते पूंजीपतियों को देने की योजना बना रही है।
अखिलेश यादव ने शुक्रवार को यहां जारी बयान में कहा कि मिशन कायाकल्प के नाम पर करोड़ों रूपए फूंकने के बाद भी योगी सरकार के कार्यकाल में सरकारी स्कूलों के हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है। तमाम स्कूल जर्जर भवनों में चल रहें हैं। शिक्षकों के तमाम पद खाली है। सरकार परिषदीय स्कूलों में बच्चों के हित में कोई भी व्यवस्था करने में नाकाम रही है।
उन्होने कहा कि सरकार अब उत्तर प्रदेश के 11 हजार प्राथमिक विद्यालयों को भी पीपीपी मॉडल पर अपने चहेते पूंजीपतियों को देने की योजना बना रही जिससे रहा-सहा सरकारी नियंत्रण भी नहीं रहेगा। भाजपा राज में शिक्षा क्षेत्र में घोर अव्यवस्था और अधिकारियों की मनमानी के चलते परिषदीय स्कूलों से बच्चों और अभिभावकों का मोहभंग हो चला है। शिक्षा की खराब गुणवत्ता और मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण अकेले नोएडा में 38 प्रतिशत बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया। स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या उत्तर प्रदेश में बढ़ती ही जा रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को यूनीफार्म, जूता-मोजे मुहैया करने में बहुत लापरवाही बरती गई। अभी तक सभी स्कूलों में बच्चों को किताबें नहीं बंट पाई है। लाखों बच्चे बिना किताब पढ़ाई करने को मजबूर हैं। बच्चों के खेलकूद के लिए मैदान नहीं है। स्कूल की साफ-सफाई खुद बच्चों को ही करनी पड़ती है। सरकारी स्कूलों में न पेयजल की सुचारू व्यवस्था है और नहीं मिड-डे-मील बन रहा है। तिर्वा के प्राथमिक विद्यालय, बरूआ में मिड-डे-मील न मिलने पर छात्र हंगामा कर चुके हैं। सच तो यह है कि भाजपा सरकार की शिक्षा सहित विकास के किसी काम में कोई रुचि नहीं है।