लखनऊ, राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. मसूद अहमद ने कहा कि सूबे के सरकारी स्कूलों में अभी तक पुस्तकों का वितरण नहीं हुआ है, जबकि छमाही परीक्षाएं प्रारम्भ हो चुकी हैं। ऐसी स्थिति में प्रदेश के नौनिहालों ने कैसे पढ़ाई की होगी और क्या परीक्षा दे रहे होंगे यह प्रदेश सरकार और सब जान रहे हैं। डाॅ. अहमद ने कहा कि वास्तविकता यह है कि सम्पूर्ण कार्यकाल में सरकार एवं उसके कृपापात्र लोगों ने केवल वे कार्य सफलतापूर्वक किए जिसमें जन प्रतिनिधियों एवं उसके कृपापात्र लोगों को लाभ मिले। यही कारण है कि स्कूलों में दलिया, खिचड़ी, दूध इत्यादि के बजट का बराबर उपभोग हो रहा है और प्रत्येक के हिस्से का बंटवारा होता रहा।
भले ही इसकी प्रदेश के विभिन्न अंचलों से शिकायतें आती रही कि घटिया भोजन मिल रहा है या माध्यान्ह भोजन खाकर बच्चे बीमार हो गए हैं। इन शिकायतों का न तो सरकार द्वारा और न ही अधिकारियों द्वारा संज्ञान लिया गया। रालोद अध्यक्ष ने कहा कि जो सरकार प्रदेश के नौनिहालों और देश के भावी नागरिकों से इस प्रकार खिलवाड़ कर रही है, उसके प्रतिनिधियों और मुखिया के द्वारा विकास के नाम पर वोट मांगना हास्यास्पद लगता है, क्योंकि जिस प्रदेश की शिक्षा का विकास नहीं होगा वहां अन्य विकास प्रदेश के भविष्य को अन्धकार की ओर ले जाता है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि प्रदेश की जनता का ध्यान सपा, बसपा एवं भाजपा आदि सरकारों से हट चुका है और राष्ट्रीय लोकदल की नीतियों की ओर बढ़ता जा रहा है।