नई दिल्ली, केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग के लिए राष्ट्रीय आयोग (एनएसईबीसी) को एक संवैधानिक संस्था के रूप में स्थापित करने की मंजूरी दे दी है। संस्था को संवैधानिक दर्जा देने वाला विधेयक संसद में पेश किया जाएगा। आयोग में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और तीन अन्य सदस्य होंगे।
मंत्रिमंडल ने पिछड़ा वर्ग के लिए राष्ट्रीय आयोग अधिनियम, 1993 को भी निरस्त कर दिया और उसके तहत गठित संस्था को भंग कर दिया। यह कदम उन मांगों के बाद उठाया गया है जिसमें कहा गया था कि अनुसूचित जाति के लिए राष्ट्रीय आयोग और अनुसूचित जनजाति के लिए राष्ट्रीय आयोग जिस तरह से शिकायतें सुनता है उसी तरह पिछड़ा वर्ग के लिए राष्ट्रीय आयोग को ओबीसी वर्ग की शिकायतें सुनने की अनुमति देने के लिए संवैधानिक दर्जा दिया जाये।