सरकार पर सहयोगी दल का गंभीर आरोप- आरक्षण देने के वादे को, मजाक मान कर टाल दिया जाता है
January 30, 2018
वाराणसी, भाजपा सरकार की दलितों- पिछड़ों को दिये जाने वाले संवैधानिक अधिकारों को प्रदान करने के बारे मे क्या मानसिकता है, यह भाजपा सरकार पर उसके ही सहयोगी दल द्वारा लगाये गये गंभीर आरोप से स्वत स्पष्ट है। उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांग सशक्तीकरण विभाग के मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने अपनी ही सरकार को श्कटघरे में खड़े करते हुए उस पर गरीबों से वादाखिलाफी एवं भ्रष्टाचार की अनदेखी करने के गंभीर अारोप लगाये हैं।
योगी सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि गत उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बिहार समेत 11 राज्यों की तर्ज पर अति पिछड़े एवं महादलित को अलग से आरक्षण देने के वादे पर भी सरकार दस माह बाद भी मौन है। गरीबों के इन मुद्दों को मंत्रिमंडल की बैठकों के अलावा तमाम उचित फोरम पर उन्होंने कई बार उठाया है, लेकिन इसे मजाक मान कर टाल दिया जाता है।
उन्होंने कहाकि वह मलाई खाने के लिए सरकार में शामिल नहीं हुए हैं। गरीब, पिछड़े एवं दलितों की उपेक्षा की कीमत पर वह इसका हिस्सा बने रहना नहीं चाहेंगे और यदि उनके पार्टी समर्थक जनता गठबंधन से अलग होने के लिए उन्हें कहेगी तो वे उनकी ही सुनेंगे।
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में पांच लोकसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ने की दावेदारी गठबंधन के समक्ष पेश करेगी और यदि टिकटों के बंटवारे में उनकी सम्मानजनक सीटें नहीं मिलीं तो गत स्थानीय निकायों के चुनाव की तर्ज अलग से चुनाव लड़ने का निर्णय ले सकती है।
अपनी ही सरकार से नाराज मंत्री ने कहा कि गरीबों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। प्राथमिक विद्यालयों की हालत ये है कि वहां एक लाख 59 हजार शिक्षकों के पद खाली पड़े हुए हैं, बहाली के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ बड़े.बड़े वादे और दावे किये जा रहे हैं। इन हालतों को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि गरीबों के बच्चों की पढ़ाई के प्रति सरकार कितनी गंभीर है।
राजभर ने कहा कि गरीबों एवं मजलूमों ने उन्हें मंत्री बनाया है और जब तक मंत्रिमंडल में रहेंगे तब तक उनकी आवाज जोरदार तरीके से उठाते रहेंगे।
सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि गत दस माह में राज्य में भू-माफियाओं का बोलबाला है, जबकि एवं गरीबों की कोई सुनवायी नहीं हो रही है। गरीबों के राशन कार्ड तक नहीं बनाये जा रहे हैं। सरकारी राशन दुकानदार ;कोटेदार उन लोगों को राशन दे रहे हैं, जिनके बड़े-बड़े मकान बने हुए हैं और जरूरत नहीं है। बहुत से गरीबों को राशन कार्ड बनावाने जैसी बुनियादी जरुरी नहीं पूरी करने वादा भी पूरा नहीं हुआ। इस मुद्दे पर संबंधित अधिकारियों का रुख पहले की तरह टालमोटल वाला है, जिसे उत्तर प्रदेश सरकार के प्रति गरीबों में असंतोष लगातार बढ़ रहा है।
ओम प्रकाश राजभर ने आरोप लगाते हुए कहा कि थानों में भ्रष्टाचार पिछली सरकार की अपेक्षा काफी बढ़ गया है और आलम यह है कि पहले के पांच हजार की जगह अब 50000 रुपये रिश्वत लेने पर काम होते हैं। थानों पर गरीबों की शिकायतों को आमतौर पर टाल दिया जाता है, लेकिन भू-माफियाओं की खातीरदारी होती है।
राज्य के 11 लाख गरीबों को मुफ्त मकान देने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि अधिकारी उन्हें सही जानकारी नहीं दे रहे हैं। ये आंकड़े पिछली सरकार की तरह कागजी हैं, जिसका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है। मकान के लिए गरीबों को दर.दर की ठोकरे खानी पड़ रही है और अधिकारी उन्हें बार.बार दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर कर रहे हैं।