नई दिल्ली, चुनावों में कालेधन के बढ़ते प्रवाह को रोकने के लिए चुनाव आयोग ने सरकार से कानून में बदलाव कर राजनीतिक दलों को मिलने वाले दो हजार से ज्यादा के बेनामी चंदे पर रोक लगाने की मांग की है। फिलहाल राजनीतिक दलों के लिए बीस हजार तक के बेनामी चंदे को लेने की छूट है, जिसमें उन्हें दानकर्ता के बारे में जानकारी देने की जरूरत नहीं है।
चुनाव आयोग ने सरकार से सिफारिश की है कि किसी भी राजनीतिक पार्टी को अज्ञात स्त्रोतों द्वारा मिलने वाले दो हजार रुपए से ऊपर के चंदे को लेने पर पाबंदी लगा दी जाए। चुनाव आयोग ने बदलाव करने के लिए सरकार को लिख दिया है।
फिलहाल Section आयकर कानून की धारा 13ए 1951 के तहत राजनीतिक दलों की उनकी आय को लेकर टैक्स से छूट है। साथ ही कानून के मुताबिक पार्टी अज्ञात स्त्रोतों से बीस हजार रुपए तक चंदा ले सकती हैं। उससे ऊपर के चंदे पर उसे स्त्रोत के बारे में बताना पड़ेगा।
इससे पहले 16 दिसंबर को वित्त सचिव अशोक लवासा ने बताया था कि 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बैंक में जमा कराने पर राजनीतिक दलों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। उस बात का काफी विरोध हुआ था। हालांकि, बाद में सरकार को सफाई देनी पड़ी कि राजनीतिक दलों के खातों में जमा रकम पर कार्रवाई करने के लिए आयकर कानून में पर्याप्त नियम बने हुए हैं, हालांकि उनकी कमाई पर टैक्स नहीं लगता है।