सरदार पटेल की 150वीं जयन्ती पर विधानसभा स्तर पर होंगी पदयात्रायें

लखनऊ, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी एवं प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह ने गुरुवार को प्रदेश सरकार के मंत्री, पार्टी के सांसद व विधायक, प्रदेश पदाधिकारी तथा जिला प्रभारियों के साथ वर्चुअल संवाद किया। सरदार पटेल 150वीं जयन्ती समारोह अभियान के तहत आयोजित होने वाली विधानसभा स्तरीय पदयात्राओं की तैयारियों पर चर्चा करते हुए प्रभावी कार्यक्रम क्रियान्वयन के लिए चर्चा की।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री चौधरी ने कहा कि लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल का जीवन राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित रहा। राष्ट्र प्रथम की भावना से उनका प्रत्येक कार्य तथा उनके निर्णय राष्ट्रहित में समर्पित रहे। लौह पुरूष का जीवन प्रत्येक देशवासी के लिए प्रेरक है।

उन्होंने कहा कि सरदार पटेल की 150वीं जयन्ती पर उनके विचार उनके कार्य तथा मजबूत निर्णय जन-गण के मन तक पहुंचाने के लिए पदयात्राएं बड़ा माध्यम बनेगी। सम्पर्क, संवाद से समन्वय और समन्वय से राष्ट्रीय एकता के सूत्र को मजबूत करने का काम विधानसभा स्तर पर आयोजित होने वाली पदयात्राओं के माध्यम से करना है।

प्रदेश महामंत्री (संगठन) श्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि विधानसभा स्तर पर आयोजित होने वाली पदयात्राओं की तैयारी पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर विधायक करेंगे। प्रदेश सरकार के मंत्री अपने प्रभार के जिले में तीन अलग-अलग यात्राओं में तीन दिन सम्मिलित होंगे।

उन्होंने कहा कि आज से विधानसभा स्तर पर तैयारी बैठकें प्रारम्भ हो चुकी है जो प्रदेश के सभी विधानसभाओं में 8 नवम्बर तक सम्पन्न होगीं। उन्होंने कहा कि पूर्व तैयारी और पूर्ण तैयारी की नीति के तहत हमें यात्रा का रूट तय करना है।

पदयात्राओं के रूट तय करने से पूर्व यात्रा मार्ग में पडने वाले 4 पडाव तथा उन पडावों पर होने वाले कार्यक्रमों के लिए स्थान भी निर्धारित किये जाएं। पदयात्राओं के लिए प्रशासनिक अनुमति, स्वच्छता तथा प्रसाधन की व्यवस्था के लिए टीम गठित करते हुए दायित्व सौंपे जाएं।

उन्होंने कहा कि राष्ट्र प्रेम से अभिसिंचित पदयात्राएं युवा, महिला, किसान, व्यापारी, खिलाडी, साहित्यकार, शिक्षक, अधिवक्ता, मजदूर, रेहड़ी-पटरी दुकानदार, शिल्पकार, सामाजिक संगठन, एनजीओ सहित सभी वर्गों तथा संगठनों को जोड़कर राष्ट्र आराधन के पथ पर बढे़ और राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक एकता का माध्यम बनें, इस संकल्प के साथ ही पदयात्राएं अपने उद्देश्य को प्राप्त करेगी।

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