सरोगेसी विधेयक पर मिलीजुली प्रतिक्रिया..

मुंबई, सरोगेसी के व्यावसायिक इस्तेमाल पर रोक लगाने वाले केन्द्र के विधेयक पर लोगों ने मिलीजुली प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ ने इसका स्वागत किया है तो कुछ ने इसकी क्षमता पर प्रश्न उठाए हैं।

लोकसभा में पिछले महीने एक विधेयक पारित हुआ था जिसमें सरोगेसी के व्यावसायिक इस्तेमाल पर रोक लगाई गई थी और परोपकारी कारणों से इसे केवल निकट संबंधियों को ही अपनाने की इजाजत दी गई है। इस पर राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व सदस्य निर्मला सामंत प्रभावल्कर का कहना है कि यह विधेयक सरोगेसी के अनियंत्रित चलन को नियंत्रित करने के लिए लाया गया है लेकिन अभी इसमें अनेक खामियां है।

मुंबई की एक अन्य वकील सिद्ध विद्या ने कहा कि वह कड़ा कानून बनाए जाने के पक्ष में हैं लेकिन ‘‘परोपकारी’’ शब्द का इस्तेमाल थोड़ा अवास्तविक है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने पहले कहा था कि कानून के तहत, केवल परिभाषित मां और परिवार ही सरोगेसी का लाभ उठा सकते हैं और इसकी लिव-इन पार्टनर या एकल माता-पिता के लिए अनुमति नहीं है।

Related Articles

Back to top button