नयी दिल्ली, राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान वाले संविधान संशोधन को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।
पूनावाला ने सरकारी नौकरियों में और शैक्षणिक संस्थानों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10 फीसदी आरक्षण देने संबंधी 103वें संविधान संशोधन अधिनियम को संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ बताया है।
याचिका में कहा गया है कि इस संशोधन के जरिये आरक्षण के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित 50 प्रतिशत की अधिकतम सीमा का उल्लंघन हुआ है। उन्होंने इस वर्ग के निर्धारण के लिए सरकार की ओर से निर्धारित आय की शर्तों को भी चुनौती दी है।
इस मामले में यूथ फॉर इक्विलिटी ने पहली याचिका दायर की है और उसके बाद से कई याचिकाएं दायर की गयी हैं।