वाराणसी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार की विभिन्न विकास योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि वह यह सब इसलिये कर पा रहे हैं क्योंकि बिचौलियों और भ्रष्टाचारियों का खात्मा हो चुका है और देश की पाई-पाई सिर्फ जनता पर ही खर्च हो रही है। मोदी ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में राष्ट्रीय महिला आजीविका मीट को सम्बोधित करते कहा कि उनकी सरकार महिला सशक्तीकरण के लिये हर तरह से संवेदनशील है।
उन्होंने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना, स्वयं सहायता समूहों को मिलने वाले कर्ज में बढ़ोतरी, उज्ज्वला योजना, दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय आजीविका मिशन, आयुष्मान योजना और पशुपालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा देने जैसी तमाम योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा ‘यह सारे काम हम इसलिये कर पा रहे हैं, क्योंकि केन्द्र में एक ऐसी सरकार है जो पाई-पाई का सही उपयोग कर रही है।’ मोदी ने कहा ‘अब बिचौलिए और भ्रष्टाचारी नहीं हैं। मोदी को अपने लिये कुछ नहीं ले जाना है। ले जाएगा तो करेगा क्या…. यह सवा सौ करोड़ का देश ही मेरा परिवार है। मुझ पर विश्वास बनाये रखियेगा।’
उन्होंने कहा कि महिलाएं नये भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभा रही हैं। यह सुखद है कि महिला सशक्तीकरण ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बहन-बेटियों की भागीदारी को सुनिश्चित कर रहा है। अस्पतालों में सुरक्षित मातृत्व सुनिश्चित कराने की योजना हो, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान हो, मुफ्त गैस कनेक्शन हो, या बच्चियों के साथ राक्षसी कृत्य करने वालों को फांसी की सजा का प्रावधान हो, हम बेटियों और बहनों का कल्याण सुनिश्चित कर रहे हैं। हम ऐसा कानून लाये हैं कि शादी के बाद पत्नी को विदेश ले जाकर धोखा देने वाले बच नहीं पाएंगे। मातृत्व अवकाश को 12 हफ्ते से बढ़ाकर 26 हफ्ते किया गया है। दुनिया के बड़े-बड़े देशों में भी ऐसा कानून नहीं है।’’ मोदी ने कहा कि हाल ही में यह भी फैसला किया गया कि भारतीय सैन्य सेवाओं के कुछ क्षेत्रों में महिलाओं को स्थायी कमिशन दिया जाएगा।
उन्होंने पूछा ‘हमारी सेना के लिये आपको गर्व होता है क्या, आपका भी मन करता है कि आपकी बेटी भी ऐसे ही खड़ी हो जाए। आज भारत में बेटियां फाइटर जेट उड़ा रही है तो नाव से समुद्र की पूरी परिक्रमा भी कर रही हैं।’ मोदी ने कहा कि स्वावलम्बन से सशक्तीकरण की यात्रा अब नये दौर में प्रवेश करने वाली है। केन्द्र में आपने हमारी सरकार को जब से मौका दिया तब से हमने स्वयं सहायता समूहों के लिये काम किया। पांच साल पहले इन समूहों को हर साल 23 हजार करोड़ रुपये का कर्ज दिया जाता था। मेरे आने के बाद यह 44 हजार करोड़ रुपये हो गए। पूरे पांच वर्षों के दौरान दो लाख करोड़ से ज्यादा की सहायता दी जा चुकी है।
मोदी ने कहा कि इस वक्त देश में छह करोड़ महिलाएं स्वयंसहायता समूहों से जुड़ी हैं। प्रयास है कि आने वाले 5-6 साल में आठ से 10 करोड़ परिवारों को इस अभियान से जोड़ा जाए। वर्ष 2022 तक हम अपने स्वयं सहायता समूहों को इतना ताकतवर बनाएंगे कि उनसे जुड़ी कोई महिला गरीब ना रहे। आप यह काम करिये, मैं आपके साथ हूं। कोशिश हो कि गरीब, शोषित, वंचित वर्ग के घर की एक-एक महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़े। प्रधानमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाये जाने वाले उत्पादों की बिक्री का दायरा बढ़ाये जाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि हमें नये-नये क्षेत्रों में भी जाना होगा। आतिथ्य और मेडिकल के क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूहों की हिस्सेदारी बढ़ायी जा सकती है। ऐसे अनेक क्षेत्र हैं जिनमें काम किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने इससे पूर्व अपने ड्रीम प्रोजेक्ट श्री काशी विश्वनाथ मंदिर संपर्क मार्ग का शिलान्यास किया। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र के मिर्जापुर मठ की जमीन पर प्रधानमंत्री ने फावड़ा चलाकर और पांच ख़ास शिलाओं को विधिवत पूजन के बाद स्थापित कर शिलान्यास किया।
मोदी ने शिलान्यास एवं भूमि पूजन से पूर्व बाबा दरबार में हाजिरी लगाते हुए श्री काशी विश्वनाथ का विधि-विधान से दर्शन-पूजन व रुद्राभिषेक किया। उन्होंने प्रदेश की पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी सरकार पर वाराणसी के सौंदर्यीकरण की परियोजना को समय से शुरू कराने में सहयोग न करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 70 साल के दौरान किसी ने भी बाबा विश्वनाथ के बारे में नहीं सोचा। सब ने अपनी-अपनी चिंता की। मगर काशी की फिक्र नहीं की।
मोदी ने कहा कि उन्हें काशी विश्वनाथ के लिए निर्माण कार्य शुरू करने पर बेहद खुशी है। उन्होंने कहा “लंबे समय से मेरा सपना था कि इस स्थान के लिए कुछ काम करूं। जब मैं राजनीति में नहीं था तब अक्सर यहां आया करता था और सोचता था कि यहां कुछ न कुछ होना चाहिए।” प्रधानमंत्री ने कहा “भोले बाबा ने तय किया होगा, बातें बहुत करते हो। यहां आओ कुछ करके दिखाओ।” वाराणसी के सौंदर्यीकरण के बारे में मोदी ने कहा कि यह काशी विश्वनाथ धाम की मुक्ति की परियोजना है जो पहले अतिक्रमण से घिरा हुआ था। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है जब हमने काशी विश्वनाथ धाम के आसपास की इमारतों का अधिग्रहण किया और अतिक्रमण को हटाया, जिसके बाद 40 प्राचीन मंदिर सामने आए। उनमें से अनेक पर अतिक्रमण कर लिया गया था और लोगों ने अपनी रसोई घर बना लिए थे।