मथुरा, राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने सोमवार को समाजसेवियों और सरकार से इस प्रकार के प्रयास करने का आह्वान किया जिससे सहवासिनों को समाज में उनका स्थान मिल सके और कृष्णा कुटीर जैसे आश्रय सदनों के निर्माण की जरूरत भी न पड़ सके।
उन्होंने कहा कि वैसे तो समय एवं शिक्षा के कारण लोगों की सोच में बदलाव आया है फिर भी समाजसेवियों को यह प्रयास करना चाहिए कि इस प्रकार की महिलाओं का पुनिर्विवाह हो या ऐसे प्रयास किये जाये कि वे आत्म निर्भर बन सकें। उनको समाज में बराबरी का दर्जा मिले तथा पैतृक सम्पत्ति तक में उन्हें भागीदारी मिल सके। उनके स्वाभिमान को बढ़ाने का प्रयास करने से उनकी स्थिति में बहुत कुछ बदलाव आ सकता है।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कहा कि वैसे तो केन्द्र और राज्य सरकाार के साथ साथ सुलभ इन्टरनेशनल जैसी संस्थाए इन सहवासिनों की बेहतरी के लिए प्रयास कर रही हैं। जहां केन्द्र सरकार की ओर से कृष्णा कुटीर भवन का निर्माण कराया गया है वहीं प्रदेश सरकार भी इनके लिए अच्छा प्रयास कर रही हैं। उन्होंने इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इन सहवासिनों के लिए और बेहतर प्रयास करने की सराहना की और कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा वृन्दावन की सहवासिनों के लिए जो मासिक पेंशन दी जा रही है उससे उनके जीवन में बदलाव आना लाजमी है।
सहवासिनों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि यदि उनके जीवन में कोई घटना घट गई है तो इसके लिए उन्हें अफसोस नही करना चाहिए।उनका कहना था कि समाज में उन्हें सम्मान से जीने का अधिकार है और इसके लिए सरकारें, सर्वोच्च न्यायालय, भारत का संविधान एवं समाजसेवी लोग उनके साथ खड़े हैं।
उन्होंने इस अवसर पर डा बिन्देश्वर पाठक के प्रयासों की भी सराहना की जिनकी संस्था ने सहवासिनों के भरण पोषण एवं चिकित्सा की व्यवस्था की। राष्ट्रपति ने इन सहवासिनों को पर्यटन और तीर्थयात्रा पर ले जाने के लिए सरकार एवं समाजसेवियों द्वारा प्रयास करने के लिए भी आह्वान किया।
राष्ट्रपति ने पूर्व में वृन्दावन के पावनता की व्याख्या भी की और कहा कि यह वह पावन भूमि है जिसे राधा कृष्ण के अलौकिक प्रेम का स्मारक माना जाता है। यहां यशोदा के मातृ प्रेम को भी सम्मान मिलता है तथा मीराबाई के समर्पण को भी सम्मान मिलता है लेकिन यहां रहनेवाली सहवासिनों की वास्तविक स्थिति को अनदेखा नही किया जा सकता।
कृष्णा कुटीर के अपने प्रवास में राष्ट्रपति एवं उनकी धर्मपत्नी ने सहवासिनों को उत्साहित करने एवं उनके आंसू पोछनेे का हर संभव प्र्र्रयास किया । इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ न केवल मौजूद रहे बल्कि उन्होंने भी सहवासिनों का दुःखदर्द बटाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की । राष्ट्रपति ने इस अवसर पर सहवासिनों के साथ स्वल्पाहार भी लिया। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति को राधाकृष्ण की प्रतिमा भी भेंट की।