सहारनपुर जातीय दंगों पर विरोध-प्रदर्शन, ब्राह्मणवाद, ‘संघ’वाद से आज़ादी से गूंजा जंतर मंतर

नई दिल्ली, सहारनपुर के जातीय दंगों के पीड़ितों के समर्थन में, जंतर मंतर पर हजारों की संख्या में दलित समुदाय के लोगों ने, विरोध-प्रदर्शन किया। राजपूतों और दलितों के बीच हिंसक घटनाओं के बाद, दलित कार्यकर्ताओं पर एफ़आईआर और गिरफ़्तारी के विरोध में  ‘भीम आर्मी’ द्वारा आयोजित इस धरना-प्रदर्शन में हजारों युवा शामिल हुए। भीम आर्मी के विरोध-प्रदर्शन मे ब्राह्मणवाद, ‘संघ’वाद से आज़ादी से  जंतर मंतर गूंज उठा.

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भीम आर्मी के संस्थापक एडवोकेट चंद्रशेखर आज़ाद ने पुलिस पर जान-बूझकर दलितों को इस मामले में फंसाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि हम लोग मरते दम तक इस आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे. चंद्रशेखर ने घोषणा की कि उनके सरेंडर करने की स्थिति में भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह को नेतृत्व सौंपा गया है.

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चंद्रशेखर आज़ाद ने तपती धूप में तकरीबन 20 मिनट तक भाषण दिया और शायद गर्मी के कारण ही वो भाषण देते-देते बेहोश हो गए.चंद्रशेखर ने मंच से अपने सरेंडर करने के फ़ैसले की घोषणा कर दी थी, लेकिन मंच पर उनकी तबीयत ख़राब हो जाने के कारण ऐसा नहीं हो सका.  प्रदर्शन में शामिल हुए दलितों ने ब्राह्मणवाद, ‘संघ’वाद से आज़ादी और जय भीम के नारे लगाए गए. विरोध-प्रदर्शन में 10,000 से 15,000 के करीब लोगों ने हिस्सा लिया.

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सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में महाराणा प्रताप जयंती के दौरान ऊंची आवाज पर संगीत बजाए जाने के खिलाफ विरोध जताने पर दोनों समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठी थी. हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 16 अन्य घायल हुए थे. सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद्र दूबे के अनुसार, चंद्रशेखर आज़ाद और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं  पर 16 मुकदमे दर्ज किए हैं. इनमें से 10 मुकदमे उन पत्रकारों ने दर्ज कराए हैं जिनकी मोटरसाइकिलें जलीं थीं.

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