रालोद प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने कहा, सहारनपुर में हुए जातीय संघर्ष को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश सरकार को इसकी सीबीआई जांच कराकर जड़ तक पहुंचना चाहिए। क्योंकि इस तरह के जातीय संघर्ष के परिणाम दूरगामी होंगे और हमारी गंगा-यमुना संस्कृति प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा कि यहां की जनता ने सपा सरकार की कानून व्यवस्था से तंग होकर बड़ी आशाओं के साथ भाजपा सरकार का चयन किया था। परंतु कोने कोने से कराहने की आवाज आना जनता की आशाओं पर प्रश्नचिह्न है।
रालोद नेता ने कहा, सरकार के सामने केवल तीन तलाक, हिंदू-मुसलमान में अलगाव के साथ ही अन्य जातियों में संघर्ष जैसे मुद्दे ही हैं। किसानों, मजदूरों, युवा वर्ग एवं शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर सरकार का ध्यान नहीं है। ऐसी दशा में जन भावना पर हो रहा कुठाराघात सामाजिक समरसता को निश्चित रूप से तहस नहस करेगा।