सहारनपुर, जातीय दंगों की आग मे जूझ रहे सहारनपुर की स्थिति आज और बद्तर हो गयी. बसपा प्रमुख मायावती के दौरे के बाद दलितों पर एकबार फिर हमला हुआ. जिसमे एक व्यक्ति की मौत हो गयी और लगभग 20 लोग घायल हो गये. इसी हिंसा की चपेट मे लखनऊ से गया, अम्बेदकर महासभा के पदाधिकारियों का एक दल भी आ गया. किंतु, अम्बेदकर महासभा के अध्यक्ष डा0 लालजी निर्मल की सूझबूझ से सकुशल बच गया.
लखनऊ स्थित, अम्बेदकर महासभा के पदाधिकारियों का एक दल, अपने अध्यक्ष डा0 लालजी निर्मल के नेतृत्व मे, जातीय दंगों से पीड़ित सहारनपुर के दलितों का हाल जानने सहारनपुर पहुंचा. दल मे महासभा की महासचिव बीना मौर्या सहित दो महिलायें भी शामिल थीं।
हिंसाग्रस्त शब्बीरपुर गांव से 200 कदम पहले कुछ दंगाईयों ने अम्बेदकर महासभा के पदाधिकारियों के दल को घेर लिया। सभी बेहद गुस्से में थे। लेकिन अम्बेदकर महासभा के अध्यक्ष डा0 लालजी निर्मल ने विपत्ति मे भी न घबराते हुयेसूझबूझ से काम लिया. उन्होने दंगाईयों से कहा कि हम बसपा के कार्यक्रम मे आये हुये लोग नही बल्कि पत्रकार हैं. पत्रकार बताने पर उनमे से एक ने कहा आप लोग चमारों की खबर लिखते हो ,राजपूतों की नहीं. इस पर डा0 लालजी निर्मल ने राजपूतों का भी पक्ष रखने और उनकी खबर लिखने का आश्वासन दिया. तब कहीं जाकर दंगाईयों से मुक्ति मिली.